नयी दिल्ली/मुंबई ..... प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व अधिकारी राजेंद्र नरपतमल लोढ़ा और अन्य के खिलाफ चल रही धन शोधन जांच के तहत मुंबई क्षेत्र में 14 स्थानों पर तलाश अभियान चलाया।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान नकदी, बैंक बैलेंस और सावधि जमा के रूप में 59 करोड़ रुपये की चल संपत्ति जब्त और फ्रीज की गई। कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति का विवरण भी बरामद किया गया।
ईडी ने मुंबई पुलिस की ओर से राजेंद्र लोढ़ा और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की। आरोपों में धोखाधड़ी, पद का दुरुपयोग, संपत्ति की अनधिकृत बिक्री और झूठे दस्तावेज़ तैयार करना शामिल है जिससे सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड को कथित तौर पर 100 करोड़ से अधिक का फायदा हुआ।
ईडी की जांच से पता चला है कि राजेंद्र लोढ़ा लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड से धन और संपत्ति की हेराफेरी तथा गबन में शामिल थे। यह सब कंपनी के निदेशक मंडल की अनुमति के बिना कंपनी के स्वामित्व वाली अचल संपत्तियों को कम कीमत पर उनसे जुड़ी प्रॉक्सी संस्थाओं को अनधिकृत रूप से बेचकर और हस्तांतरित करके किया गया था। वह भूमि खरीद की कीमतों को बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) बनाने में भी शामिल था और बाद में बढ़ी हुई राशि को विक्रेताओं के माध्यम से नकदी के रूप में निकालकर कंपनी के धन का दुरुपयोग किया।
अधिकारी ने कहा,"जांच से पता चलता है कि राजेंद्र लोढ़ा ने अपने सहयोगियों और संबंधित संस्थाओं के साथ मिलकर इन धोखाधड़ी गतिविधियों के माध्यम से संपत्ति अर्जित की जिससे लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड को गलत तरीके से नुकसान हुआ।"
ईडी फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है।