लखनऊ से हिंदी एवं उर्दू में एकसाथ प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र
ताजा समाचार

समाचार विवरण

डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट

मीडिया हाउस, 16/3 'घ', सरोजिनी नायडू मार्ग, लखनऊ - 226001
फ़ोन : 91-522-2239969 / 2238436 / 40,
फैक्स : 91-522-2239967/2239968
ईमेल : dailynewslko@gmail.com
ई-पेपर : http://www.dailynewsactivist.com

इजरायल-भारत की दोस्ती से बौखलाया चीन
इजरायल-भारत की दोस्ती से बौखलाया चीन
प्रभुनाथ शुक्ल    07 Jul 2017       Email   

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा ने दोनों मुल्कों के मध्य कूटनीति का नया इतिहास रचा है। इजरायल भारत का सबसे पुराना मित्र रहा है, लेकिन 70 सालों तक संबंधों पर बर्फ  जमी थी, मोदी ने इस बर्फ  को साफ  कर स्थिति को पारदर्शी बना दिया है। हमारी विदेश नीति की संभवतः यह सबसे बड़ी भूल थी। हम इतने वफादार मित्र से कूटनीतिक दूरी क्यों बनाए रखे, यह हमारी अदूरदर्शिता का सबसे बड़ा कराण साबित हुआ है। भारत की बढ़ती उपलब्धि से परेशान चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ से लेकर आतंकवाद और सीमा विवाद के मसले पर जिस तरह से घेरने की रणनीति बनाई है, उस स्थिति में यह दोस्ती और इजरायल के बीच हुए सात समझौते बेहद कामयाब होंगे। कांग्रेस और दूसरी सरकारों ने वैश्विक संबंधों के लिहाज से यह दूरी बनाकर बड़ी भूल की, यह बात भारत के लोगों को मोदी के दौरे के बाद समझ में आ रही है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने स्वागत भाषण से सिर्फ  भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का नहीं, अपितु पूरे भारतीय समुदाय का दिल जीत लिया, जिसमें उन्होंने कहा कि आपका स्वागत है मेरे दोस्त। इस संबोधन में बेहद गहराई छुपी है। नेतन्याहू का संबोधन सिर्फ  औपचारिक नहीं था, उसमें शालीनता के साथ भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संस्कार की झलक साफ  दिख रही थी। इस उदारता से यह साबित हो गया है कि भारत और इजरायल के संबंध आनेवाले वक्त में दुनिया को एक संदेश देने में कामयाब होंगे। यह बात इजरायली पीएम ने अपने संबोधन में कही भी है कि हम दोनों दुनिया बदल सकते हैं, हमारी दोस्ती स्वर्ग में बनी है।
वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती कूटनीतिक सफलता से चीन और पाकिस्तान जल-भुन गया है। प्रधानमंत्री मोदी चीन समेत 56 देशों की विदेश यात्रा कर चुके हैं, जहां उन्होंने भारत की कूटनीतिक सफलता का झंडा बुलंद किया है। भारत की इसी विदेश नीति की कूटनीतिक सफलता का राज है कि अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्क ने पाकिस्तान की गोद में पल रहे सैयद सलाउद्दीन को आतंकी घोषित किया है। जबकि हाफिज सईद पर चीन हर बार अपने वीटो का प्रयोग कर पाकिस्तान के लिए ढाल बन जाता है। वैश्विक मंच पर भारत ने बिना किसी युद्ध के आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को नंगा करने में सफलता हासिल की है। दुनिया को हम यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि भारत ने युद्ध नहीं, बुद्ध के सिद्धांत में हमेशा विश्वास रखा है। आतंकवाद कोई अच्छा बुरा नहीं होता, वह पीड़ा अगर भारत को झेलनी पड़ रही है तो इजरायल भी इससे अछूता नहीं है। आतंक का दर्द मासूम मोशे से अच्छा भला कौन समझ सकता है। वैश्विक स्तर पर बढ़ते इस्लामिक आतंकवाद के खतरे से पूरी दुनिया वाकिफ  हो चुकी है। जेहाद के नाम पर इस्लामिक मुल्कों में जिस तरह का तांडव हो रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। यही वजह है कि आतंकवाद के खिलाफ  जारी लड़ाई में भारत के साथ कई मुल्क खड़े हो गए हैं, जिसकी वजह से पाकिस्तान और चीन बौखलाए हैं। चीन अंदर से हिल गया है। वह भारत की तरफ  से की जा रही कूटनीतिक घेरेबंदी से घबरा गया है। जिसकी वजह है, उसने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा स्थगित किया, फिर दोकलम पर विवाद खड़ा किया। अब दोकलम पर भारत को दावा छोड़ने की धमकी दे रहा है। क्योंकि भारत अमेरिका और इजरायल की त्रिकोणात्मक दोस्ती से उसकी जमीन हिल गई है। वह चाहकर भी भारत का कुछ नहीं उखाड़ सकता। क्योंकि एशिया में उसकी दादागीरी पर लगाम लगाने के लिए भारत उसके लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है। दुनिया में सैन्य तकनीक के मामले में इजरायल जैसी तकनीक किसी के पास नहीं है। कारगिल युद्व के दौरान भारत को जिस तरह इजरायल ने आधुनिक सैन्य मदद पहुंचाई, उसे भारत कभी भूल नहीं सकता। अमेरिका और रूस जैसे देशों ने जब लेजर बम देने से मना कर दिया तो उस वक्त इजरायल हमारे साथ खड़ा था। उसने लेजर बम के साथ बोफोर्स तोपों के लिए गोले उपलब्ध कराए। जिसकी वजह रही कि 1999 में कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर भारत ने तिरंगा लहराया और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए इजरायल के साथ संबंधों में प्रगाढ़ता समय की मांग थी। अब तक इस पर बेवजह की बर्फ जमी थी। राजनीतिक और कूटनीतिक लिहाज से भारत फिलिस्तीन को अधिक तरजीह देता रहा, लेकिन उससे क्या हासिल हुआ, इसका कोई जबाब हमारे पास नहीं है। सिर्फ  अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और अरब देशों को खुश रखने के लिए इजरायल से दूरी बनाई गई। इसके बावजूद भारत आतंकवाद का दंश झेल रहा है। आतंकियों ने भारत के टुकड़े करने के सपने पाल रखे हैं।
पीएम मोदी की इस यात्रा ने दुनिया के मुस्लिम मुल्कों के साथ पाकिस्तान और चीन की बौखलाहट बढ़ा दी है। पाकिस्तान को लगने लगा है कि इजरायल के साथ भारत की दोस्ती उसके लिए खतरे की घंटी है। उसे चिंता है कि हमारी जमीन पर लहलहाती आतंक खेती का सफाया हो जाएगा। पीएम मोदी मोशे की मुलाकात के बहाने वैश्विक मंच पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को नंगा करने में बड़ी सफलता हासिल की है। मोशे की मुलाकात तो एक बहाना था। इजरायली पीएम और वहां के लोगों की मौजूदगी में मोदी यह बताने में कामयाब रहे कि 2008 में मुंबई के नरीमन हाउस और दूसरे स्थानों पर हुए आतंकी हमले में मोशे के माता-पिता संग छह यहूदी मारे गए थे। जिस वक्त यह हमला हुआ था, मोशे की उम्र सिर्फ दो साल थी, अब वह 11 साल का हो गया है। पीएम मोदी इजराइल और यहूदी समुदाय को यह बाताने में कामयाब रहे कि मोशे के मां-बाप की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तान और आतंकवाद है। क्योंकि भारत पर हमले करने वाले आतंकी पाकिस्तानी थे, षड्यंत्र में पाक का हाथ था। जिसकी वजह से मासूम मोश के मां-बाप और यहूदी समुदाय के लोगों को जान गंवानी पड़ी। 
भारत और इजरायल के बीच हुए सात समझौतों से दोनों देशों के संबंधों में नया अध्याय जुड़ेगा। आतंकवाद के खिलाफ  दोनों के एक मंच पर आने से पाकिस्तान और उसके आका की खटिया खड़ी हो जाएगी। इजरायल सैन्य और आधुनिक तकनीकी क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुका है। 80 लाख की आबादी और मणिपुर से भी कम क्षेत्रफल वाले मुल्क से आज पूरी दुनिया थर्राती है। इजराइल के चारों तरफ 12 से अधिक मुस्लिम देश हैं, जिनसे उसकी कभी नहीं पटती है। इन देशों से इजरायल का कई बार युद्ध हो चुका है, लेकिन जीत हर बार इजरायल की हुई है। इस समझौते से भारत को बहुत कुछ हासिल होने वाला है। नेतन्याहू ने समझौतों की डेटलाइन भी तय कर दी है, यानी कुछ महीने में इसका असर भारत में दिखने लगेगा। दुनिया में इजरायल एक ऐसा मुल्क है, जिसके पास खारे समुद्री पानी को को मीठा बनाने की तकनीक है। भारत के साथ हुए समझौते में सिंचाई की डिपिंग प्रणाली और पीने योग्य पानी की बात भी साझा है। अंतरिक्ष विज्ञान और विकास में भारत दुनिया को पीछे छोड़ चुका है। इस समझौते के जरिए दोनों एक मंच पर आकर बेहतर उपलब्धि हासिल करेंगे। कृषि विकास में आमूल परिवर्तन देखने को मिलेगा। दोनों दुनिया को बदलने की ताकत रखते हैं। भारत-इजरायल की दोस्ती आने वाले दिनों में नया इतिहास लिखेगी। भारत की यह सबसे बड़ी वैश्विक कूटनीतिक सफलता साबित हुई है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)






Comments

अन्य खबरें

काशी में सेंट्रल जोनल काउंसिल की बड़ी बैठक, सुरक्षा-विकास पर मंथन
काशी में सेंट्रल जोनल काउंसिल की बड़ी बैठक, सुरक्षा-विकास पर मंथन

वाराणसी: वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को सेंट्रल जोनल काउंसिल की अहम बैठक शुरू हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

काशी में सेंट्रल जोनल काउंसिल की बड़ी बैठक, सुरक्षा-विकास पर मंथन
काशी में सेंट्रल जोनल काउंसिल की बड़ी बैठक, सुरक्षा-विकास पर मंथन

वाराणसी: वाराणसी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को सेंट्रल जोनल काउंसिल की अहम बैठक शुरू हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

ईरान-इजरायल युद्ध का असर: लखनऊ एयरपोर्ट से मिडिल ईस्ट की उड़ानें प्रभावित, यात्रियों के लिए अलर्ट जारी
ईरान-इजरायल युद्ध का असर: लखनऊ एयरपोर्ट से मिडिल ईस्ट की उड़ानें प्रभावित, यात्रियों के लिए अलर्ट जारी

लखनऊ। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का असर अब हवाई सेवाओं पर भी दिखने लगा है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से खाड़ी देशों (मिडिल ईस्ट) की ओर जाने वाली कई उड़ानों में रुकावट

अदवा नदी में मछली पकड़ रहे लोग वन विभाग की टीम देखकर भागे
अदवा नदी में मछली पकड़ रहे लोग वन विभाग की टीम देखकर भागे

हलिया (मिर्ज़ापुर): थाना क्षेत्र के अदवा नदी में सोमवार को जाल डालकर मछली पकड़ रहे लोग वन विभाग की टीम को देखकर भागे वन विभाग की टीम ने अबैध रूप से नदी नालो में मछली पकड़ने वाले लोगो को सख्त लहजे में