विधि संवाद, गाजीपुर। विशेष न्यायधीश एससीएसटी एक्ट शक्ति सिंह की अदालत ने तत्कालीन नायब तहसीलदार सुशील कुमार दुबे को न्यायालय द्वारा कई बार समन जारी किए जाने के उपरांत भी उपस्थित न होने पर न्यायालय शख्स रुख अपनाते हुए उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी कर दिया है। साथ ही साथ शहर कोतवाली को आदेशित किया है कि नियत तिथि 6 जून 2024 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करे। बताते चलें कि कोतवाली थाना गांव रजदेपुर देहाती के रामचन्दर राम ने पंजाब नेशनल बैंक से लोन लिया था। जिसका भुगतान समय से नहीं कर पाया। 1 जून 2012 को नायब तहसीलदार सुशील कुमार दुबे, तहसील चपरासी सूबेदार यादव तथा अमीन लाल मोहन यादव वादी के घर वसूली के लिए पहंुचे थे। लोन न जमा करने पर कहासुनी कर मारने पीटने लगे और जाति सूचक शब्दो से अपमानित भी किये। उक्त घटना के बावत वादी ने न्यायालय में 2 जून 2012 को मुकदमा दायर किया। न्यायालय ने सबूतों व गवाहों के बयानों के आधार पर उपरोक्त सभी आरोपियों को 16 अक्टूबर 2020 को तलब किया। उक्त मामले में सूबेदार यादव व लालमोहन यादव ने अपनी जमानत न्यायालय में हाजिर होकर करा लिया। वही नायब तहसीलदार सुशील कुमार दुबे हाजिर नहीं हो रहे रहे है। न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया है।