- बिना एनओसी लगाये ही न्यू कनेक्शन व भार वृद्धि की दे दी गई स्वीकृति
- जनसुरक्षा की अनदेखी कर राज्य सरकार को राजस्व की पहुंचाई जा रही भारी क्षति
- सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा के लेटर ने खोला विभाग का चौंकाने वाला राज
गाजीपुर। जिले के विद्युत वितरण खंड नगर (टाउन/आमघाट ) में भ्रष्टाचार के वृक्ष की जड़े इतनी दूर तक फैल गई है कि उसकी मूल जड़ तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। फर्जी हस्ताक्षर से लाखों रुपये के भुगतान का प्रयास किये जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा यूपी शासन के एक लेटर ने फिर से इस डिविजन में हड़कम्प मचा दिया है। बीते 5 अप्रैल को सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा यूपी शासन ने विद्युत वितरण खंड टाउन (आमघाट) के अधिशासी अभियंता को लेटर प्रेषित किया है। इस लेटर का आशय यह है कि सेन्ट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी (मेजर्स रिलेटेड टू सेफ्टी एंड इलेक्ट्रिकल सप्लाई) रेगुलर 2010 के सुसंगत विनिमय 43(4) का उलंघन कर 650 वोल्ट से अधिक विद्युत अधिष्ठानों का नया कनेक्शन व लोड बढ़ाने के उपरांत ऊर्जित किये जाने से पूर्व निगम द्वारा जनसुरक्षा की अनदेखी कर राज्य सरकार को क्षति पहुंचाई जा रही है। लेटर के अनुसार नियमो का उलंघन करते हुए नया कनेक्शन व विद्युत भार परिवर्तन सम्बंधित आवेदन बिना विद्युत सुरक्षा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के खंड द्वारा स्वीकृत किये जा रहे है। यही नहीं विद्युतीय अधिष्ठान को संयोजित व उर्जित भी कर दिया जा रहा है। जिससे विद्युत वितरण खंड टाउन द्वारा जन एवं सम्पत्ति सुरक्षा की अनदेशी की जा रही है। दूसरी ओर निरीक्षण शुल्क के रुप में राज्य सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व की भी हानि हो रही है। सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा ने अपने लेटर में स्पष्ट रुप से अंकित किया है कि विगत माह में जिन उपभोक्ताओं के नये कनेक्शन व विद्युत भार में परिवर्तन किये गये है उनको अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए विभाग द्वारा निर्देशित किया जाये। साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि भविष्य में बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र लिये किसी भी उपभोक्ता को उर्जिकृत न किया जाये। यदि विभाग के जिम्मेदार लोगों ने इन निर्देशों का अनुपालन कराना सुनिश्चत नहीं किया और कोई अप्रिय घटना हुई तो इसके जिम्मेदार वह स्वयं होंगे। सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा ने लेटर की प्रतिलिपि उप निदेशक विद्युत सुरक्षा वाराणसी रेंज को भी प्रेषित कर दिया है।
एसई आईडी मिस यूज के मामले में जांच की आंच धधकी
पूर्व एसई (अधीक्षण अभियंता) प्रेवीण कुमार की आईडी का मिस यूज कर लाखों का पीओ करने के गम्भीर मामले में चल रही विभागीय जांच की आंज अब धधक चुकी है। ‘डीएनए’ समाचार पत्र के 13 अप्रैल के संस्करण में ‘बिजली विभाग के एसई की आईडी का मिस यूज कर लाखों का पीओ किया गया अप्रुव’ शीर्षक से प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई खबर में विभाग में हलचल मचा दिया है। चूंकि खबर बिजली विभाग से जुड़ी हुई थी और मामला सनसनीखेज था इसलिए ‘डीएनए’ समाचार पत्र के किसी पाठक ने खबर को ऊर्जा मंत्री समेत अन्य शीर्ष नेतृत्व के लोगों को ट्वीट कर दिया था। ट्वीट का रिपांस भी कुछ घंटों के अंतराल में आ गया। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से इस मामले में कार्रवाई का निर्देश ट्वीट के जबाब में भेजा गया। इधर से विभाग के अधिकारियों ने आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चत करने का जबाब ट्वीट के माध्यम से भेज दिया है। अब देखना है कि विभागीय स्तर पर इस मामले में कार्रवाई कब और किसके ऊपर होती है।
वर्जन
नया कनेक्शन व भार वृद्धि में एनओसी लिया जाता है। यदि एनओसी लिये बिना ही नया कनेक्शन व भार वृद्धि का कार्य हुआ है तो इसकी जांच कराई जायेगी। जहां तक मुझे जानकारी है कि छोटे-मोटे कनेक्शन में एनओसी की जरुरत नहीं पड़ती है। फिर भी इस मामले की जांच कराई जायेगी। इस सम्बंध में डिविजन सेकंड के एक्सईएन से बात करुंगा। बृजेश कुमार- प्रभारी अधीक्षण अभियंता
वर्जन
मेरे विभाग द्वारा अनापत्ति प्रकरण पत्र (एनओसी) जारी की जाती है, लेकिन इधर बीच मुझे शिकायत मिली थी कि डिविजन सेकंड से न्यू कनेक्शन व भार वृद्धि (क्षमता) बिना एनओसी जिलये ही जारी कर दिये जा रहे है। ऐसे में मैंने एक लेटर एक्सईएन को भेजा है। उपेन्द्र सिंह- सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा, गाजीपुर