नयी दिल्ली .... भारत ने बंगलादेश में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमला कर उसे ध्वस्त करने की घटना को बंगला संस्कृति एवं विरासत को मिटाने की कोशिश करार दिया है और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में बंगलादेश की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हम 8 जून को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ द्वारा किए गए घृणित हमले और तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। ऐतिहासिक रूप से रवींद्र कचहरी बाड़ी कहलाने वाला यह घर बंगलादेश के सिराजगंज जिले में स्थित है। यह हिंसक कृत्य नोबेल पुरस्कार विजेता की स्मृति और बंगलादेश में उनके द्वारा अपनाए गए समावेशी दर्शन और शिक्षाओं का अपमान है।”
प्रवक्ता ने कहा, “यह हमला चरमपंथियों द्वारा सहिष्णुता के प्रतीकों को मिटाने तथा बंगलादेश की समन्वयकारी संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने के लिए किए जा रहे व्यवस्थित प्रयासों के व्यापक पैटर्न में आता है। हम अंतरिम सरकार से चरमपंथियों पर लगाम लगाने तथा अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके, जो दुखद रूप से एक दोहराव वाली विशेषता बन गई है।”
बंगलादेश के सिराजगंज में उपद्रवियों ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर को निशाना बना कर जबरदस्त तोड़फोड़ की है। कथित तौर पर मोटरसाइकिल पार्किंग शुल्क को लेकर प्रवेश द्वार पर आगंतुक और कर्मचारियों के बीच विवाद हुआ और तनाव इतना बढ़ गया कि आगंतुक को कथित तौर पर एक कमरे में बंद कर दिया गया और कर्मचारियों द्वारा मारपीट की गयी। इस घटना से स्थानीय आक्रोश भड़क उठा, निवासियों ने विरोध में एक मानव श्रृंखला बनाई, जिसके बाद भीड़ ने परिसर में धावा बोल दिया। कचहरीबाड़ी के सभागार में तोड़फोड़ की गई और संस्थान के एक निदेशक को मारा पीटा गया। देश के पुरातत्व विभाग ने हमले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है और उसे पांच कार्य दिवसों के भीतर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।