- मुहम्मदाबाद, भांवरकोल व शहर कोतवाली के चार साथियों के साथ मिलकर करता था धंधा
- खाकी वाले दो साथियों का हमेशा मिलता रहा संरक्षण, पुलिस महकमे को नहीं लगी भनक
गाजीपुर। लखनऊ एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स ) के हत्थे चढ़े तीन खूंखार असलहा तस्करों में से गाजीपुर जिले का भी एक युवक है। शुधांशु राय उर्फ बिट्टू राय पुत्र डा. सतीश राय निवासी सोनवानी थाना करीमुद्धीनपुर जिला गाजीपुर ने पूछताछ के दौरान इस गैर कानूनी काले धंधे में लिप्त अपने तीन-चार साथियों का नाम बताया है। सूत्र बताते है कि यह सभी गाजीपुर जिले के ही अलग-अलग इलाकों में स्थित गांवों के रहने वाले है। सूत्रों के मुताबिक इसमें से एक-दो शख्स ‘खाकी’ विभाग से जुड़े है जिनकी तैनाती वर्तमान में गाजीपुर जिले में ही है। सूत्रों के मुताबिक बिट्टू राय और उसके साथी लम्बे समय से असलहा तस्करी में लिप्त है। सूत्र बताते है कि बिट्टू राय और उसके साथियों को संरक्षण देने वाला शख्स शहर कोतवाली क्षेत्र के ही एक गांव का रहने वाला है जो कि उसी के बिरादरी का भी है। उसी ने अपने ‘खाकी’ वाले साथियों से बिट्टू और गैंग के लोगों का सम्पर्क कराया है। उक्त शख्स काफी चर्चित है, लेकिन वह असलहा के धंधे में लिप्त है इस बारे में किसी को अब तक कुछ नहीं पता था। दिखावे के लिए वह प्रापर्टी डिलर बनकर मार्केट में घूमता है। बिट्टू के दो अन्य साथी भांवरकोल व मुहम्मदाबाद क्षेत्र के ही है। इसमें से एक शख्स अपने काले करतूत को छिपाने के लिए क्षेत्र के ही कुछ सत्ताधारी सफेदपोशों के ईद-गिर्द रहता है, ताकि किसी को उस पर शक न हो। दिखावे के लिए वह राजनीति का चोला ओढे़ रहता है , लेकिन इसकी आड़ में वह असलहा की तस्करी भी करता है।
इनसेट
बिट्टू के कॉल रिकार्ड से मिले कई सबूत
सूत्र बताते है कि बिट्टू राय के मोबाइल से मिले कॉल रिकार्ड से भी एसटीएफ को कई सबूत हाथ लगे है। जिले से जुड़े सूत्रों की माने तो बिट्टू के मोबाइल में उसके करीबी साथियों व दो खाकी वालों का कॉल डिटेल हमेशा मौजूद रहते है क्योकि वह इन लोगों के ‘टच’ में बराबर रहता है।
मध्य प्रदेश से लाते है असलहों की खेप
सूत्रों के मुताबिक बिट्टू और उसके साथी मध्य प्रदेश से असलहों की खेप को जिले में लाते थे। सेमी आटोमैटिक पिस्टल के साथ ही 32 बोर, नाइन-एमएम व अन्य कई अत्याधुनिक असलहों की यह लोग तस्करी करते है। मार्केट में डिमांड के मुताबिक यह असलहा लाते है और उसे ऊंचे दामों पर बेच देते है।
अब तक जिले में 500 सौ से भी अधिक बेच चुके है अवैध पिस्टल
सूत्रों के मुताबिक बिट्टू और भांवरकोल व मुहम्मदाबाद बाद क्षेत्र के रहने वाले उसके तीन साथियों व शहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी उसके चौथा साथी जो इन सभी का ‘बॉस’ है इन लोगों ने मिलकर जिले में 500 से भी अधिक अवैध पिस्टलों को बेचा है।
एसटीएफ के निशाने पर है पिस्टल के खरीददार
पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ लखनऊ द्वारा हुई पूछताछ में बिट्टू ने ऐसे कई लोगों का नाम भी बता दिया है जिन्हें उसने और उसके साथियों ने असलहा बेचा है। अब एसटीएफ अपने नेटवर्क के जरिये खरीददारों को चिन्ह्नित करने में जुट गई है।
दोनों खाकीधारियों से बिट्टू गैंग का है खास रिश्ता
सूत्र बताते है कि बिट्टू और उसके साथियों को पूर्ण सुरक्षा देने के लिए दो खाकीधारी अपनी पहुंच का इस्तेमाल हमेशा करते है। जब उन्हें पता चला कि बिट्टू पकड़़ा गया है तो उन्होंने बैक डोर से उसे एसटीएफ के चंगुल से छुड़ाने का भी काफी प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाये। दोनों खाकीधारी बस दिखावे के लिए कभी कभार वर्दी पहनते है नहीं तो वह हमेशा सिविल ड्रेस में ही नजर आते है। बिट्टू और उसके साथियों के साथ जिले के तमाम लोगों ने दोनों खाकीधारियों को कई बार पार्टी मनाते हुए देखा है।
बिट्टू के पकड़े जाने के बाद आंडर ग्राउंड हो गये है उसके चार साथी
अपराध जगत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सुधांशु उर्फ बिट्टू राय के लखनऊ में पकड़े जाने की सूचना मिलने के बाद उसके खास चार साथी अंडर ग्राउंड हो गये है। यही नहीं इस गैंग के संरक्षण देने वाले दो ‘खाकी’ वाले भी पूरी तरह से सहमे हुए है। उन्हें भी भय सताने लगा है कि कही एसटीएफ के हाथ उन तक न पहुंच जाये।