किसी सरकार का मूल्यांकन सौ दिन में नहीं हो सकता। लेकिन उसकी नीयत व कार्यशैली का अनुमान अवश्य लगाया जा सकता है। इस आधार पर यह मानना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुशासन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पूरे प्रदेश में चली समीक्षा बैठकों के माध्यम से मुख्यमंत्री ने जहां प्रशासनिक मशीनरी को देखने, समझने का प्रयास किया, वहीं परिवर्तन का संदेश व हिदायत देने का भी कार्य किया है। इसके अनुसार कई तथ्य उभर कर सामने आए हैं। एक यह कि अब प्रदेश सरकार सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा से चलेगी। दूसरा यह कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस होगा। तीसरा यह कि कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं होगी।
इन तथ्यों पर विचार से पहले वर्तमान सरकार को मिली विरासत पर ध्यान देना होगा। जातिवाद और भ्रष्टचार ने प्रदेश के कदम रोके थे। आरोपों की जांच की जगह उन्हें ठंडे बस्ते में डाला जाता था। इससे भ्रष्ट अधिकारियों के मनोबल बढ़े थे। ऐसे ही लोगों को तरजीह मिलती थी। एक दूसरे को राजनीतिक रूप से कोसने वाली पार्टियां इस मसले पर एक मत थी। खास छवि के अधिकारी पिछली दोनों सरकारों को समान रूप से पसंद थे। पंचम तल तक ऐसे ही ऊंचे कद वालों का दबदबा था। इस लिए सरकार बदलने के बावजूद व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होता था। लोकायुक्त की तिरपन में से पचास रिपोर्ट पर कार्यवाई न होना अपने में बहुत कुछ कह जाता था। विधानसभा के अधिवेशन बहुत कम हो गए थे। प्रदेश लोकसेवा आयोग, सहित सभी चयन आयोगों पर गंभीर आरोप लगे थे। पूंजी निवेश की बातें खूब हुईं, लेकिन परिणाम दिखाई नहीं दिया। क्योंकि इसके लिए जरूरी माहौल ही नहीं बनाया गया था। शिक्षा की दुर्दशा व मूलभूत सुविधाओं के आभाव पर हाईकोर्ट को टिप्पणी करनी पड़ी थी।
योगी आदित्यनाथ पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। इस रूप में वह बहुत सक्रिय रहते थे। इसका भी उन्हें लाभ मिल रहा है। अनुभव के बल पर वह नए दायित्व का वह प्रभावी निर्वाह कर रहे हैं।
अब तक हाशिए पर रहे कर्मठ व अच्छी छवि के अधिकारियों को तरजीह दी गई। निर्माण कार्यों में घोटालों की जांच शुरू की गई। बड़े चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जिन ड्रीम प्रोजेक्ट को बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया गया था, वह नए रंग में चर्चित हो रहे रहे हैं। योगी सरकार ने प्रथम कैबिनेट में किसानों के फसली कर्ज माफ करने का फैसला लिया। सभी विभागों में भ्रष्टाचार व लीकेज रोकने के प्रयास किए गए। ई-टेंडरिंग व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। सौ दिन में सड़क व बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व फैसले किए गए। केंद्रीय बिजली व भूतल परिवहन विभाग के साथ महत्वपूर्ण समझौते हुए। अगले कुछ समय में इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। नीति आयोग की टीम के साथ मुख्यमंत्री की वार्ता भी बहुत उपयोगी थी। इससे भी विकास का नया अध्याय शुरू होगा। गत वर्ष के मुकाबले चार गुना गेहूं खरीद भी बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षा में बड़े बदलाव की बात कही है। सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल राम नाईक ने उच्च शिक्षा में अनेक सुधार किए हैं।
लेकिन प्राइमरी, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा की पिछले एक दशक से बहुत उपेक्षा हुई है। योगी सरकार ने इसे प्राथमिकता में शामिल किया है। गुणवत्ता व आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पाठ्क्रम में राष्ट्रगौरव को महत्व देना चाहते हंै। इससे बच्चों में राष्ट्र प्रेम व राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना विकसित होगी। जो उन्हें श्रेष्ठ नागरिक बनाने में सहायक होगी। कांग्रेस और वामपंथियों की जुगलबंदी में विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन पाठ्यक्रम में शामिल हुआ था। अब योगी सरकार जनादेश का सम्मान करते हुए सही इतिहास को महत्व देंगे। इससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलेगी। भेदभाव को भी दूर करने में सहायता मिलेगी। इसका समाज पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
योगी सरकार ने सौ दिन के सरकार में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ, गेहूं खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, केंद्र सरकार के साथ चौबीस घंटे बिजली से संबंधित सहमति पत्र पर हस्ताक्षरित, अवैध पशु वधशालाओं पर रोक, बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल समस्या के समाधान के प्रयासों के तहत इस क्षेत्र में पाइप पेयजल परियोजनाओं पर तेजी से कार्य, बुंदेलखंड क्षेत्र को दिल्ली से छह लेन एक्सप्रेस-वे के माध्यम से जोड़ने का निर्णय व अवैध खनन पर अंकुश लगाने पर काम हुआ है। नई उद्योग नीति लागू करने पर भी निर्णय हुआ व 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना का निर्णय, शिक्षा में व्यापक सुधार, 220 दिनों का शैक्षिक कैलेंडर लागू करने का निर्णय, शिक्षा के प्रारंभ में एक से 10 जुलाई के बीच छात्रों की यूनिफार्म, जूते, पुस्तकों व बैग का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। हर जिले में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स स्थापित करने का फैसला भी प्रदेश सरकार ने लिया है तथा भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा की गई सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का अभियान शुरू किया गया है। 5000 किमी मार्गों को नेशनल हाइवे बनाए जाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने का निर्णय, सड़कों के निर्माण में गुंडे, माफिया व अपराधी ठेकेदारों पर अंकुश लगाते हुए कम लागत में मजबूत सड़कों के निर्माण की तकनीक और पर्यावरण संरक्षण का निर्णय, अयोध्या, फैजाबाद, मथुरा व वृंदावन को नगर निगम का दर्जा दिलाने समेत अनेक महत्वपूर्ण कार्यों पर निर्णय हुए हैं। सौ दिन के इन महत्वपूर्ण कार्यों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश के विकास का एक नया अध्याय लिखेगी। विकास की दौड़ में यूपी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेगा।