नयी दिल्ली... चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए यथा संभव प्रसार कर रहा है कि बिहार में मतदाता सूचियों की विशेष सघन पुनरीक्षा में राज्य में रहने वाले किसी भी पात्र नागरिक नाम सूची से बाहर न रह जाए।
आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘ बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) पहले ही तीन से अधिक बार घर-घर जाकर मतदाताओं से सम्पर्क कर चुके हैं। अभी छूट रहे मतदाताओं से संपर्क करने के लिए बीएलओ का एक और दौरा कराने का प्रबंध किए जाने सहित पूरे चुनावी तंत्र का संगठित प्रयास भी शुरू किया जा चुका है।’ मतदाताण्ओं के लिए गणना फार्म जमा कराने के लिए अभी छह दिन (25 जुलाई) तक का समय बाकी है।
नयी मतदाता सूची का मसौदा एक अगस्त को जारी किया जाएगा और उस पर दावे तथा आपत्ति का मौका दिया जाएगा और उनमें 30 अगस्त तक संशोधन कराया जा सकेगा।
आयोग ने बताया है कि आज शाम तक इस अभियान में की जा रही गणना में 95.92 प्रतिशत मतदाताओं का लेखा-जोखा पूरा हो चुका है और 5.27 प्रतिशत मतदाता अपने पतों पर अनुपस्थित पाए गए हैं। इन अनुपास्थित पाए गये मतदातओं में 1.81 प्रतिशत संभवत: मृत हो चुके हैं, 2.50 प्रतिशत संभवत: स्थायी रूप से निवास स्थान बदल चुके हैं, 0.95 मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाये गए हैं तथा 0.01 (यानी 11 हजार) मतदाताओं का पता नहीं चला है।
राज्य में 24 जून को यह अभियान शुरू होने के समय सूची में दर्ज 7,89,69,844 में से 7,15,82,007 करोड़ मतदाताओं ने गणना-फर्मा भर कर वापस कर दिए हैं और इनमें से करीब 6.97 करोड़ फार्म डिजिटल रूप से आयोग के ऐप पर चढ़ाए जा चुके हैं। वर्तमान सूची के मृत, स्थानांतरित या एक से अधिक जगह पंजीकृत और लापता मतदाताओं की कुल संख्या 32, 23,023 बतायी जा रही है।
आयोग इनसे संपर्क करने का निरंतर प्रयास कर रहा है और इस कार्य में एक लाख बीएलओ और चार लाख वालेंटियर के अलावा राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.5 लाख बूथ स्तरीय एजेंट भी शामिल हैं जो मिशन के रूप में काम कर रहे हैं।
आयोग बिहार से बाहर अस्थायी रूप से रह रहे मतदताओं कोे नाम दर्ज करवाने के लिए देश भर में विज्ञापन भी जारी किए हैं।