मुंबई..... वैश्विक व्यापारिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य की अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के म्युचुअल फंड उद्योग में निवेशकों का शेयर आधारित योजनाओं की ओर आकर्षण बना रहा और जुलाई में इक्विटी (शेयर) निवेश योजनाओं में शुद्ध निवेश उछल कर 42,702 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। जून में इन योजनाओं में शुद्ध प्रवाह 23,587 करोड़ रुपये था।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के जुलाई 2025 के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में कंपनियों ने शेयर उन्मुख योजनाओं में सकल 75,084.28 करोड़ रुपये के यूनिट बेचे और 32,381.93 रुपये के यूनिट का विमोचन किया। इस तरह इन योजनाओं में शुद्ध 42,702.35 की पूंजी का प्रवाह हुआ। ताजा आंकड़ों के अनुसार जुलाई के अंत में शेयर , ऋण-पत्र और अन्य सभी म्युचुअल फंड योजनाओं के प्रबंधनाधीन सम्पत्ति 75,35,970.68 करोड़ रुपये रही। इनमें शेयर उन्मुख सहित शेयर योजनाओं के प्रबंधानाधीन (एयूएम) 33,27,781.82 करोड़ रुपये के बराबर थीं।
माह के दौरान सिस्टमैटिक निवेश ( एसआईपी ) निवेश में भी वृद्धि बनी रही और यह 28,464 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा। बाजार को उम्मीद है कि एसआईपी निवेश जल्दी ही 30,000 करोड़ रुपये मासिक के आंकड़े को छू सकता है।
जुलाई में इस उद्योग में नये निवेश 1.78 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गये जो जून से 5 गुना अधिक है। माह के दौरान 74 लाख नए फोलियो जुड़े जिनमें 31 लाख इक्विटी योजनाओं के नये फोलियो शामिल हैं।
माह के दौरा फोकस्ड और स्मॉल-कैप फंडों में निवेश में भी क्रमशः 66 प्रतिशत और 61 प्रतिशत के साथ साथ लार्ज, मिड-कैप और मल्टी-कैप श्रेणियों में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई। हाइब्रिड सेगमेंट उत्साहजनक बना हुआ है। ईटीएफ में भी अच्छा उछाल दिखा। ऋण-पत्र आधारित योजनाओं की बिक्री में जबरदस्त सुधार दिखा है। इनमें कम अवधि वाले और मनी मार्केट फंडों के नेतृत्व में एक लाख लाख करोड़ का सकारात्मक प्रवाह हुआ है, साथ ही लिक्विड और ओवरनाइट फंडों में भी लगातार निवेश जारी है।
जुलाई में लार्ज और मिड, स्मॉल और फ्लेक्सी-कैप फंडों में जून के स्तर की तुलना में 1,500-2,500 करोड़ रुपये की स्थिर वृद्धि देखी गई। इस दौरान 45 नई योजनाएं शुरू की गईं। इनमें 10 इक्विटी, 5 डेट और 13 इंडेक्स और ईटीएफ योजनाएं रहीं।
स्मॉल केस मैनेजर के संस्थापक और प्रमुख शोधकर्ता, स्मार्टवेल्थ एआई पंकज सिंह ने कहा कि जुलाई 2025 के एएमएफआई के आंकड़े निवेशकों के बढ़ते उत्साह के साथ एक जीवंत म्यूचुअल फंड परिदृश्य को दर्शाते हैं।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य व्यवसाय अधिकारी, अखिल चतुर्वेदी ने कहा , ‘ मुझे लगता है कि भारतीय खुदरा निवेशक परिपक्व हो गए हैं और अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी को एक सार्थक निवेश के रूप में गंभीरता से ले रहे हैं। सकारात्मक संदेश और लंबी अवधि में भारतीय पूंजी बाजारों में व्यापक विश्वास इस भारी वृद्धि का प्रमुख कारण प्रतीत होता है।’
मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के वितरण प्रमुख एवं रणनीतिक गठबंधन सुरंजना बड़ठाकुर की राय में जुलाई में इक्विटी निवेश में महीने-दर-महीने 81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें सबसे ज़्यादा वृद्धि क्षेत्र विशेष आधारित फंडों, विशेष रूप से नए फंड प्रस्तावों से हुई है, जिन्होंने इस श्रेणी में कुल 9,426 करोड़ में से 7,404 करोड़ जुटाए हैं।
ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. विकास गुप्ता ने कहा कि पूरी जुलाई स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट जारी रहने के बावजूद, इक्विटी निवेश पिछले महीने की तुलना में कहीं अधिक तेज़ी से जारी रहा। इससे संकेत मिलता है कि निवेशक ‘गिरावट पर ज़्यादा खरीदारी करें और धीरे-धीरे निवेश जारी रखें’ की नीति पर चल रहे हैं।