नयी दिल्ली.... केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को विश्व बाघ दिवस के अवसर दुनिया के सबसे बड़े वृक्षारोपण कार्यक्रम में से एक का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत देश के सभी 58 बाघ अभयारण्यों में एक लाख से अधिक पौधे रोपे जाएँगे।
श्री यादव ने इस अवसर पर यहाँ आयोजित एक समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में बाघ अभयारण्यों की संख्या 2014 में 46 से बढ़कर आज 58 हो गयी है।इन सभी अभयारण्यों में स्थानीय प्रजातियों के 2,000 पौधे लगाए जाएँगे। इस पहल का मकसद बाघों की आबादी को बेहतर आबोहवा वाला माहौल देना है। उन्होंने अरावली क्षेत्र में तीन जगहों पर वन नर्सरियों का भी शुभारंभ किया। ये नर्सरी भविष्य के पौधरोपण के लिए स्थानीय किस्म के पौधे उपलब्ध कराएँगी।
उन्होंने लोगों को 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर किसी को अपनी मां और धरती मां के लिए एक पौधा लगाना चाहिए।
श्री यादव ने प्लास्टिक-मुक्त बाघ अभयारण्य अभियान की भी घोषणा की। इसका उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों में एकल-उपयोग प्लास्टिक का इस्तेमाल होने से रोकना है।
उन्होंने बाघ परिवार के सात पशुओं के कल्याण के लिए बने इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वैश्विक पहल भारत के नेतृत्व में चलाई जा रही है। इस गठबंधन में अब तक 24 देश शामिल हो चुके हैं, इसका मुख्यालय भारत में होगा।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें देश भर के बाघ अभयारण्यों में बने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। इनमें हस्तशिल्प के सामान, हर्बल चीजें और कपड़े शामिल थे।