लंदन.... भारत ने सोमवार को पांचवें टेस्ट मैच में इंग्लैंड को छह रनों से हराकर कई रिकार्ड बनाये।
ओवल में यह छह रनों की टेस्ट में भारत की सबसे छोटी जीत है। इससे पहले भारत ने 2004 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 107 रनों का बचाव करते हुए 13 रन से मैच जीता था। यह छह रन की हार इंग्लैंड की टेस्ट में तीसरी संयुक्त सबसे छोटी हार भी है।
पांचवां विकेट गिरने के बाद इंग्लैंड का स्कोर 332 रन था । इससे पहले केवल एक बार ऐसा हुआ है कि किसी टीम ने पहले पांच साझेदारियों में इतने रन बनाए हों और फिर भी हार गई हो। 1977 में इंग्लैंड 463 रन के लक्ष्य में 346/5 पर था, लेकिन 45 रन से हार गया।
मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा टेस्ट में दोनों पारियों में चार या उससे अधिक विकेट लेने वाली भारत की दूसरी जोड़ी बने। इससे पहले 1969 में दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिशन सिंह बेदी और एरापल्ली प्रसन्ना ने यह उपब्धिक हासिल थी। ओवल में सिराज और प्रसिद्ध का प्रदर्शन किसी टीम के लिए दोनों पारियों में दो गेंदबाजो के चार-चार विकेट लेने का 15वां उदाहरण है। पिछली बार इंग्लैंड के लिए 2012-13 में मुंबई में मोंटी पनेसर और ग्रेम स्वान ने ऐसा किया था।
इस सीरीज में मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ 23 विकेट लिए जो कि टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड में किसी भारतीय गेंदबाज के लिए संयुक्त रूप से सर्वाधिक हैं। उन्होंने जसप्रीत बुमराह की 2021-22 की 23 विकेटों की बराबरी की।
जो रूट और हैरी ब्रूक के बीच चौथी पारी हार के बावजूद यह 195 रनों की साझेदारी, दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही। इससे बड़ी साझेदारी 204 रनों की थी, केएल राहुल और ऋषभ पंत के बीच, 2018 में ओवल में ही हुई थी। रूट और ब्रूक ऐसे सातवें बल्लेबाजी जोड़ी बने जिन्होंने चौथी पारी में शतक लगाए और फिर भी हार का सामना किया। इससे पहले ऐसा आखिरी बार राहुल और पंत ने 2018 में किया था।
यह लगातार चौथी टेस्ट सीरीज हैं जिसमें इंग्लैंड भारत के खिलाफ सीरीज नहीं जीत पाया। आखिरी बार उन्होंने भारत को 2018 में 4-1 से हराया था। भारत के खिलाफ इंग्लैंड की सबसे लंबी बिना सीरीज जीत की लकीर 1996 से 2011 के बीच पांच सीरीज की रही है।
विदेशी धरती पर किसी टेस्ट सीरीज के पांचवें या छठे मैच में भारत का जीत-हार का रिकॉर्ड 1-10 का है। ओवल में छह रन की जीत से पहले भारत ने ऐसे 17 में से 10 मैच हारे थे, जबकि सात ड्रॉ रहे। घरेलू मैदान पर कुल 27 मैचों में भारत का ऐसे टेस्ट में रिकॉर्ड 7-4 है।