मनीष सिंह
गाजीपुर (डीएनएन)। बहुचर्चित कृष्णानंद पांडेय ‘डेथ मिस्ट्री’ में शहर कोतवाली पुलिस एक ऐसे महत्वपूर्ण ‘प्वाइंट’ पर जांच करने में चूक गई, जिसका इस केस से सीधेतौर पर लेना-देना है। वह ‘प्वाइंट’ मृतक की मोबाइल व रुपयों और अन्य सामानों से भरा बैग है जो घटना के दिन से ही गायब है। जिस केस को पुलिस ने ‘एक्सीडेंट’ बताकर लगभग क्लोज कर दिया था उस केस से जुड़ा ‘रहस्यमय भूत’ पुलिस के सामने आ गया है। बुधवार को मृतक की पत्नी बृजकुमार देवी व परिवार के अन्य सदस्यों ने शहर कोतवाल से मिलकर उन्हें बताया कि घटना के बाद से ही कृष्णानंद उर्फ रिंकू पांडेय का मोबाइल व बैग गायब है, जिसे पुलिस ने खोजने की प्रयास नहीं किया। इसके अलावा परिवार के लोगों ने रिंकू पांडेय की हत्या किये जाने की प्रबल आशंका जताते हुए यह भी बताया कि उनके बैग में दस हजार रुपये व कपड़े थे। आशंका जताते हुए परिवार के लोगों ने कहा कि हो सकता है कि जब रिंकू नशे की हालत में था उसी वक्त उसपर प्राण घातक हमला कर उसकी मोबाइल व बैग को छीन लिया गया हो। हालांकि पुलिस की जांच में यह मामला महज एक्सीडेंट का बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक रिंकू पांडेय नगर के लंका प्राइवेट बस स्टैंड के समीप देशाी दारु के ठेके के पास नशे की हालत में पड़ा था। वह अत्यधिक नशे का सेवन कर लिया था, इसलिए एक्सीडेंट में सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आने की वजह से उसकी मौत हो गई गई। पुलिस के अनुसार पीएम रिपोर्ट में भी ‘एक्सीडेंटल’ मौैत की पुष्टि हुई है।
इनसेट
हंसराजपुर बाजार से लंका इलाके में कैसे आया कृष्णानंद उर्फ रिंकू
कृष्णानंद पांडेय ‘डेथ मिट्री’ ने पुलिस के सामने कई ऐसे सवालों को खड़ा कर दिया है जिसका जबाब मिलना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। परिजनों के मुताबिक कृष्णानंद पांडेय मूल रुप से मऊ जनपद के मधुबन थाना क्षेत्र अंर्तगत दरगाह गांव के रहने वाले थे। वह शादियाबाद थाना क्षेत्र के हंसराजपुर बजार में अजय गुप्ता नाम के व्यक्ति के ‘तड़का हाफट स्पाईसी फास्ट फूड’ रेस्टोरेंट में काम करते थे। बीते 21 जुलाई को वह गाजीपुर शहर के लंका बस स्टैंड के समीप देशी शराब के ठेके के पास मृत अवस्था में मिला था। परिजनों का सवाल है कि कृष्णानंद यदि वहां से छुट्टी लेकर निकला था तो लंका तक कैसे पहुंचा उसे तो सीधे घर यानि मधुबन आना चाहिए था।
शराब की दुकान के सीसीटीवी के फुटेज में भी है लोचा
मृतक की पत्नी बृजकुमारी देवी ने बताया कि घटना के बाद जब मेरे देवर गोराबाजार पुलिस चौकी के सिपाही के साथ शराब की दुकान पर पहुंचे तो उस वक्त हमलोगों ने दुकान के फ्रंट व बैक में मौजूद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को मांगा था। पहले तो दुकान में मौजूद एक श्शख्स ने दोनों कैमरों के फुटेज को देने की बात कही, लेकिन बाद में उसने सिर्फ दुकान के पीछे लगे कैमरे के फुटेज को ही दिया। वही फुटेज मेरे पास भी है और वही फुटेज पुलिस के पास भी मौजूद है। दुकान के फ्रंट साइड का फुअेज नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि फ्रंट साइड के फुटेज में ऐसा कुछ सुराग जरुर था, जिससे उसके पति की संदिग्ध मौत के राज से पर्दा उठ सकता था।
कौन थे वह दो शख्स जो कृष्णानंद को ले गये ‘डस्ट एरिया’ में
परिजनों का कहना है कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिखाई दे रहा है कि दो लोग कृष्णानंद पांडेय को उठाकर दुकान के पीछे डस्ट एरिया में ले जा रहे है। मृतक की पत्नी बृजकुमारी का कहना है कि जो दो लोग उसके पति को उठाकर दुकान के पीछे ले गये उन्हीं लोगों ने उनके पति के साथ जरुर ऐसा कुछ किया था जिससे उनकी मौत हो गई। जबकि पुलिस का कहना है कि कृष्ष्णानंद शराब के नशे में दुकान के सामने गोली-गलौज कर रहा था इसलिए वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर दुकान के पीछे बैठा दिया था।
वर्जन
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘एक्सीडेंटल’ केस की पुष्टि हो चुकी है। रहा सीसीटीवी कैमरे का सवाल तो कैमरे में साफ दिखाई दे रहा है कि कृष्णानंद नशे की हालत में इधर उधर गिर रहा है। नशे की हालत में ही उसे गम्भीर चोटें आई और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल की है। हां उसका मोबाइल और बैग जो गायब है उसकी तलाश की जायेगी और हर मुमकिन कोशिश कर उसे बरामद भी किया जायेगा। दीनदयाल पांडेय-शहर कोतवाल