पेशावर, ... पाकिस्तान में इस वर्ष पोलियो का 19वां मामला सामने आया है जिसमें उत्तर-पश्चिमी जिले लक्की मरवात में पांच महीने के एक बच्चे में पोलियो वायरस की पुष्टि हुई है। समाचार पत्र डान ने बुधवार को यह जानकारी दी।।
देश के राष्ट्रीय पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के अनुसार, यह मामला खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में इस वर्ष दर्ज किया गया 12वां मामला है जो पोलियो वायरस संचरण के लिए लगातार हॉटस्पॉट बना हुआ है।
विश्व में केवल दो देशों अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अभी भी पोलियो संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अधिकारियों ने दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा में प्रमुख चुनौतियों के रूप में असुरक्षा, टीकाकरण में हिचकिचाहट, सीमित पहुंच एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी को इस प्रकोप का जिम्मेदार ठहराया है जहां घर-घर जाकर टीकाकरण करना कठिन बना हुआ है।
पाकिस्तान में 1990 के दशक से पोलियो के मामलों में लगातार कमी आयी है जो सालाना 20,000 से ज़्यादा से घटकर हाल के वर्षों में एकल अंकों में आ गई है लेकिन अब चिंताजनक रूप से मामलों में फिर से उछाल देखा जा रहा है। 2021 में सिर्फ़ एक मामला दर्ज किया गया था जबकि 2023 में छह मामले दर्ज किए गए लेकिन 2024 में मामलों की संख्या बढ़कर 74 पहुंच गयी। हालांकि इस तरह के मामलों की कम सूचना मिलने के कारण इसकी संख्या कहीं ज़्यादा होने का अनुमान है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गलत सूचना एवं प्रतिरोध विशेषकर रूढ़िवादी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को कमजोर कर रहे हैं। कुछ इस्लामी समूहों ने झूठे दावे किये हैं कि पोलियो अभियान पश्चिमी देशों की साज़िशों का हिस्सा हैं ताकि या तो उन्हें नपुंसक बनाया जा सके या बेबुनियाद डर उत्पन्न किया जा सकें जिसके कारण स्वास्थ्यकर्मियों और उनके सुरक्षाकर्मियों पर हिंसक हमले हुए हैं।
पोलियो का अगला राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान एक सितंबर से शुरू होने वाला है जिसका लक्ष्य दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाना है। अधिकारी बच्चों के माता-पिता और अभिभावक से आग्रह कर रहे हैं कि वे सभी पात्र बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया है कि, ‘’प्रत्येक खुराक महत्वपूर्ण है तथा प्रत्येक छूटा हुआ बच्चा सभी के लिए जोखिम है।’’