नई दिल्ली....। भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर गुरुवार 7 अगस्त से 25 फीसद टैरिफ लागू हो गया है। वहीं 25 फीसद एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। अभी भारतीय सामानों पर करीब 10 फीसद टैरिफ लगता था। नए टैरिफ लगने से भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी, जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा टैरिफ के कारण अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 फीसद की कमी आ सकती है। हालांकि भारत के एक्सपोर्टर्स ने कहा, माल बेचने के किए उनके पास अमेरिका के अलावा दुनिया भर के बाजार हैं। ज्वेलरी जैसे कई सेक्टर्स में भारत का अमेरिका को निर्यात टैरिफ कम होने की वजह ज्यादा है। अब एक्सपोर्टर्स दुनिया के बाकी बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट एंड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा अगर अमेरिका अपनी योजना के साथ आगे बढ़ता है और स्टील, एल्यूमीनियम और उनके डेरिवेटिव्स पर 50 फीसद टैरिफ लगाता है तो इन प्रमुख वस्तुओं का निर्यात महंगा हो जाएगा। अभी इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट है। जब तक सेक्शन 232 टैरिफ की घोषणा नहीं होती तब तक अमेरिका को एपल, सैमसंग जैसे स्मार्टफोन्स के निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने के अमेरिकी फैसले का बचाव किया। उन्होंने भारत को टैरिफ का महाराजा करार देते हुए कहा कि भारत अमेरिकी सामानों पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं लगाता है, जिससे अमेरिकी प्रोडक्ट्स को भारतीय मार्केट में एंट्री करने में मुश्किल होती है। वहीं, ट्रम्प ने भारत पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।