- वृद्ध महिला ने शहर कोतवाल को राखी बांधकर दिया दिर्घायु का आशीर्वाद
- मुंहबोले भाई की कलाई में राखी बांधकर वृद्धा ने लिया समाज की सुरक्षा का वचन
गाजीपुर (डीएनएन)। शहर कोतवाली में दोपहर के करीब 12.45 बजे शहर कोतवाल दीनदयाल पांडेय अपने चैम्बर में बैठकर जनसुनवाई कर रहे थे। इस दौरान करीब ‘70 प्लस’ एक वृद्ध महिला कोतवाल के टेबुल के ठीक सामने आकर बैठ गई। वैसे तो उस वक्त वहां काफी लोग मौजूद थे, लेकिन वृद्धा पर नजर पड़ते ही शहर कोतवाल ने पूछ ही लिया कि ‘माता जी’ आप यहां किस काम से आई है। यह सुनते ही वृद्धा की लड़खड़ती जुबान से शब्द निकला कि ‘मैं आपको यहां राखी बांधने के लिए आई हूं’। यह सुनकर वहां मौजूद सभी लोग सोच में पड़ गये। फिर क्या था शहर कोतवाल ने कहा कि आप यहां तक चल कर आई है तो मैं आपके हाथों से राखी अवश्य बंधवाऊंगा। फिर क्या था वह वृद्ध महिला अपने पास मौजूद एक झोले को खोली और उसमें रखी ‘राखी’ और ‘मिठाई के डिब्बे’ के साथ ही तिलक लगाने की सामाग्री को निकाला। शहर कोतवाल भी पूरी श्रद्धा के साथ वृद्ध महिला के पास खड़े हो गये। वृद्ध महिला ने पूरे विधि विधान के साथ शहर कोतवाल के सिर पर रुमाल रखा और फिर उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी कलाई में राखी की डोर को बांध दिया। इस भावुक दृश्य को देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे एक पल के लिए मुंहबोले भाई और बहन की ओर ठहर गई। शहर कोतवाल ने पूरे श्रद्धा के साथ अपनी मुंहबोली बहन के सामने हाथ जोड़कर उनका आशीर्वाद लिया। शहर कोतवाल ने जब उनसे पूछा कि आप मेरे पास ही राखी बांधने के लिए क्यो आई है। तब वृद्धा ने कहा कि करीब 10 वर्ष पूर्व उनके भाई का निधन हो गया तबसे आज तक वह किसी को राखी नहीं बांधी, लेकिन कुछ लोगों के मुंह से सुना था कि ‘वर्तमान शहर कोतवाल काफी नेक दिल इंसान है’ तो मैं आपको राखी बांधने के लिए यहां तक आ गई। यह सुनकर वहां मौजूद सभी लोग वृद्ध महिला के पुनीत कार्य की सराहना करने लगे।