नयी दिल्ली... प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को देश की आवश्यकता और अपनी सरकार की आस्था बताते हुए शनिवार को कहा कि आज के भारत में सुधार और बदलाव के जरिये विश्व अर्थव्यवस्था को गति देने की शक्ति है।
उन्होंने माल एवं सेवा कर सुधार को दिवाली तक लागू करने के 15 अगस्त पर लाल किले से किये गएअपने वादे को दोहराते हुए कहा पिछले एक दशक के आर्थिक सुधार और नयी-नयी पहलों का ही परिणाम है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत धरातल पर खड़ी है। वृहद आर्थिक संकेतक स्वस्थ हैं। भारत दुनिया की सबसे तीव्र गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और जल्दी ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं।
श्री मोदी आज शाम यहां एक मीडिया हाउस के सम्मेलन में एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘ इस सम्मेलन का समय बहुत सही है, मैं इसकी सराहना करता हूँ , लाल किले से मैने अगली पीढ़ी के सुधारों की बात की थी , यह फोरम उसे और विस्तार दे रहा है।’ श्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के एक सप्ताह के अंदर ही हुई बातों को आप सबने देखा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की वृद्धि में भारत का योगदान बहुत जल्दी 20 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने वाला है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह मजबूती और वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक दशक में किये गये सुधारों का परिणाम है। इसके चलते हमारे वृहद आर्थिक संकेत मजबूती पर है। हमारा राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत के करीब है, बैंक पहले से ज्यादा मजबूत है, मुद्रास्फीति 2017 के बाद से न्यूनतम स्तर पर है , ब्याज दरें भी कम है , विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड स्तर पर है। छोटे निवेशक मासिक निवेश येाजनाओं ( एसआईपी ) के माध्यम से हर माह हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘ एक सप्ताह में यह जो कुछ दिखा है वह भारत की आर्थिक वृद्धि का शानदार उदाहरण है।”
उन्होंने इस संदर्भ में जून में ईपीएफओ के आंकड़ो में संगठित क्षेत्र में 22 लाख नयी नौकरियों के जुड़ने का जिक्र करते हुये कहा कि यह अब तक रोजगार का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसी तरह सोलर पीबी सेल की क्षमता 100 जीबी तक पहुंच गयी है। दिल्ली हवाई अड्डे की यात्री क्षमता हर साल 10 करोड़ तक पहुंच गयी है और यह दुनिया के छह सबसे बड़े अड्डाें में शामिल हो गया है।
श्री मोदी ने कहा वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है और ऐसा दो दशक के बाद हुआ है। भारत अपनी वृद्धि और मजबूती से दुनिया के लिए उम्मीद की जगह बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘भारत आज दुनिया को धीमी गति से बाहर निकालने की क्षमता रखता है। हम किनारे बैठ कर ठहरे पानी में कंकड़ मार कर मजा लने वाले नहीं है, बल्कि हम बहती धारा को मोड़ने वाले हैं। भारत समय को मोड़ देने का सामर्थ्य लेकर चल रहा है जैसा मैंने लाल किल से कहा था।”