नयी दिल्ली.... कांग्रेस अध्यक्ष् मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि कांग्रेस ने अपने गठन के समय से ही विभिन्न क्षेत्र के पेशेवरों को महत्व दिया है और इसी का परिणाम है कि पार्टी की विचारधारा महात्मागांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल से लेकर डॉ मनमोहन सिंह तक सिद्ध हाथों से पोषित हुई है।
श्री खरगे ने शनिवार को यहां डॉ मनमोहन सिंह फेलोशिप प्रोग्राम का उद्घाटन करते हुए कहा कि कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढाने की जिम्मेदारी युवा प्रोफेशनलों की है। उनका कहना था कि युवा देश का भविष्य हैं और कांग्रेस की विचारधारा के वाहक हैं। डॉ मनमोहनसिंह फेलोशिप के लिए जिन 50 युवा पेशेवरों का चयन हुआ है वे ऐसी प्रतिभाएं हैं जिनका चयन 1300 युवा प्रतिभाओं में से हुआ है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए कहा “प्रोग्राम के पहले बैच के फेलोज़ को मैं बधाई देता हूं और उनका स्वागत करता हूं। आपकी ज़िम्मेदारी कांग्रेस की 140 साल पुरानी गौरवशाली विरासत को आगे बढाना है। मुझे डा. मनमोहन सिंह के साथ काम करने का मौक़ा मिला। वो बातें कम, काम ज़्यादा करते थे लेकिन आज के प्रधानमंत्री बातें ज़्यादा काम जरा कम करते हैं। मनमोहन सिंह जी हमेशा संसद सत्र के दौरान संसद में होते थे। सवालों का जवाब भी देते थे। विपक्ष के बातों का जवाब भी देते थे। आज के पीएम इसे अपनी तौहीन समझते हैं। जितना काम उनके जमाने में हुआ उसका 10 प्रतिशत भी काम पिछले 11 साल में नहीं हुआ। पढ़-लिख कर जो नेता बनते हैं उनको ज्ञान ज़्यादा होता है, वो काम ज़्यादा करते हैं। वो प्रचार में ज़्यादा ध्यान नहीं देते।”
उन्होंने कहा कि आज़ादी की लड़ाई और राजनीति में पेशेवरों और बुद्धिजीवियों की बड़ी भूमिका रही है। वर्ष 1885 में जब कांग्रेस बनी थी तो वकील, अध्यापक, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और अफसर उसमें शामिल थे। बाद में महात्मा गांधी, नेहरू जी, सरदार पटेल, सरोजिनी नायडू जैसे सैकड़ों नायकों ने अपना शानदार कैरियर छोड़कर देश की सेवा की। कांग्रेस ही अकेले पार्टी है जिसने हमेशा पेशेवरों को जगह दी और उनकी काबिलियत का सम्मान किया। डॉ. मनमोहन सिंह इसमें सबसे बड़ा उदाहरण हैं। राजीव गांधी भी राजनीति में आने से पहले पायलट थे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका शानदार काम रहा। साल 1990 के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का शासनकाल सबसे अलग रहा और यह बद्लाव का दौर था। कांग्रेस सरकार ने पेशेवरों की मदद से सूचना अधिकार कानून, मनरेगा, शिक्षा अधिकार, खाद्य सुरक्षा, वनाधिकार जैसे ऐतिहासिक फैसले किये।
श्री खरगे ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह ने 2008 की वैश्विक मंदी की परछाई भारत पर नहीं पड़ने दी और देश की औसत जीडीपी आठ प्रतिशत की वृद्धि दर रही। उसी दौरान आधार कार्ड पर काम शुरु हुआ और 2014 तक आधे से भी ज्यादा ग्रामीण घरों में लोगों के बैंक खाते खुलने और किसानों की 70 हजार करोड़ कर्ज माफ कर दिये थे। आज हालात इतने खराब हैं कि 700 किसान शहीद हो गए हैं लेकिन सरकार की तरफ़ से कोई पूछने वाला नहीं है। आज सार्वजनिक क्षेत्र ख़त्म होने की कगार पर है। नौकरियां ख़त्म हो रही है। स्थिति यह है कि आप सभी 50 फेलोज को 1300 से ज़्यादा लोगों में से चुना गया है। ये सम्मान की बात है, साथ ही आप पर मनमोहन सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने कहा “आज देश ऐसे दोराहे पर खड़ा है, जहां एक तरफ तेज़ी से सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव हो रहे हैं तो दूसरी तरफ बेरोज़गारी, असमानता चरम पर पहुंच चुकी है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले और कब्जे हो रहे हैं। आज जरूरत आप जैसे पेशेवरों को आम लोगों के संघर्षों से खुद को जोड़ने और राजनीति में ईमानदारी, अनुशासन और संवेदनशीलता लाने की है।