गैसड़ी बलरामपुर : भारतीय नागरिक बड़े श्रद्धा के साथ बाबा प्रभु नाथ की दर्शन यात्रा पर जाते हैं बढ़नी व कोयलावास बॉर्डर से भन्सार कराकर प्रवेश करते हैं और यात्रा करके वापस लौटते समय नेपाल राष्ट्र की पुलिस व ट्रैफिक पुलिस भारतीय नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार करती है इतना ही नहीं बल्कि दो पहिया व चौपहिया वाहनों को चेकिंग करने के नाम पर रोड परमिट की कमी बताकर फर्जी तरीके से अवैध धन की वसूली करते हैं । बता दें कि प्यूठान जिले में बाबा प्रभूनाथ दर्शन करने के लिए इंडिया से हजारों दर्शनार्थी रोजाना नेपाल राष्ट्र में जाते हैं जिससे नेपाल सरकार की राजस्व आय होती है वहीं वापस लौटते समय रास्ते में नेपाली पुलिस सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को काफी परेशान करते हैं और रोड परमिट सहित अनेक बातों को सुनाकर दहशत पैदा करके अवैध धन की वसूली करते हैं जिससे भारतीय नागरिकों में सैय्यम का धैर्य टूटने लगा है और लोग आने जाने से कतराने लगे हैं। बीते दिन सोमवार को गैसड़ी क्षेत्र से दर्जनों बाइक सवार दर्शन करके वापस लौट रहे थे तभी भालूबांग के पास पुलिस कर्मी वाइक सवारों को रोककर सभी बाइक सवारों से पहले कागज मांगकर अपने कब्जे में कर लिया और तरह-तरह की बातें सुनाकर दहशत में करके बाइक सवारों से दो -दो सौ रुपए की अवैध वसूली की जिस बात की जानकारी पत्रकार रामपाल यादव को मिली उन्होंने उक्त समस्याओं को नेपाल राष्ट्र के दर्जा प्राप्त मंत्री से शिकायत किया। नेपाल राष्ट्र के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री ने समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित दोषी पुलिस कर्मी पर कार्यवाही कराने का भरोसा दिलाया जरिए दर्जा प्राप्त मंत्री के शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिसकर्मी भालूबांग से लमही आकर दोषी पुलिस पर कार्यवाही करते हुए दर्जनों वाहन स्वामियों को नगदी पैसा वापस कराया । और भारतीय नागरिकों से क्षमा याचना की है। पत्रकार रामपाल यादव ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रभु नाथ यात्रा पर जाने वाले सभी भक्ति प्रेमी श्रद्धा के साथ जाते हैं नेपाल राष्ट्र में किसी तरह से परेशान की जाती है तो बेहिचक वीडियो बना ले और यदि पैसे की मांग की जाती है तो संबंधित पुलिसकर्मियों से आप पावती जरूर मांगे यदि पावती नही दी जाती है तो किसी तरह से कोई रिश्वत न दे। पत्रकार रामपाल यादव ने कहा कि भारत नेपाल रोटी बेटी का मैत्री संबंध है जिसका संबंध पर भारी असर पड़ रहा है समस्या बड़ी गंभीर है ऐसे मामले में नेपाल सरकार को पूर्ण एक्शन लेना चाहिए और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।