लखनऊ। नेपाल बॉर्डर से सटे संवेदनशील इलाके में धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का मास्टरमाइंड छांगुर (असली नाम जमालुद्दीन) को एटीएस ने शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ महाराष्ट्र की रहने वाली महिला नीतू उर्फ नसरीन को भी पकड़ा गया है।
बताया जा रहा है कि छांगुर का बेटा महबूब और नीतू का पति नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन पहले ही 8 अप्रैल को गिरफ्तार किए जा चुके थे। छांगुर गिरफ्तारी से बचने के लिए लंबे समय से छिपा हुआ था। अमर उजाला ने लगातार उसकी लोकेशन और छिपने की खबरें प्रकाशित की थीं, जिसके बाद एटीएस ने कार्रवाई तेज की।
धर्मांतरण का बड़ा नेटवर्क
उत्तरौला तहसील के मधपुर गांव का रहने वाला छांगुर पहले अंगूठी बेचता था। धीरे-धीरे उसने खुद को पीर बताकर लोगों को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। एटीएस की जांच में सामने आया कि छांगुर ने पूरे देश में धर्म परिवर्तन का नेटवर्क फैला रखा था और सिर्फ एक साल में करोड़ों की संपत्ति बना ली।
सितंबर 2024 में एटीएस ने छांगुर समेत 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। मार्च 2025 में जांच तेज होने पर 8 अप्रैल को उसके बेटे और सहयोगी को पकड़ा गया।
पूर्व जज के घर में छिपा था
गिरफ्तारी से बचने के लिए छांगुर लखनऊ में एक पूर्व न्यायाधीश के घर पर छिपा था। वहीं, नीतू भी नसरीन नाम से उसके साथ रह रही थी। गिरफ्तारी रोकने के लिए छांगुर ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी, लेकिन 24 अप्रैल को कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।
करीब दो महीने की तलाश और लगातार निगरानी के बाद आखिरकार शनिवार को एटीएस ने छांगुर और नीतू दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।