मुंबई,... अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती से गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में तेजी रही और प्रमुख सूचकांक करीब ढाई महीने के उच्चतम स्तर पर बंद हुये।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 415.21 अंक की बढ़त के साथ 83,108.92 अंक पर खुला और अंत में 320.25 अंक (0.39 प्रतिशत) की तेजी के साथ 83,013.96 अंक पर बंद हुआ। यह ऊपर 83,141.21 अंक और नीचे 82,704.92 अंक तक गया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 सूचकांक भी 110.80 अंक की तेजी में 25,441.05 अंक पर खुला और अंत में 93.35 अंक चढ़कर 25,423.60 अंक पर बंद हुआ। इसका दिवस का उच्चतम स्तर 25,448.95 अंक निचला स्तर 25,329.75 अंक रहा।
फार्मा और आईटी सेक्टरों में सबसे ज्यादा तेजी रही जिनके कारोबार का बड़ा हिस्सा अमेरिका के जुड़ा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। इसकी उम्मीद पहले से ही की जा रही थी। इस कारण पिछले सप्ताह से ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में पूंजी निवेश बढ़ा दिया है। लिवाली के दम पर सेंसेक्स 10 जुलाई के बाद पहली बार 83,000 अंक के ऊपर बंद हुआ है। निफ्टी-50 भी 09 जुलाई के बाद के उच्चतम स्तर पर रहा।
एचडीएफसी बैंक, इटरनल, इंफोसिस, सनफार्मा, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में ज्यादा तेजी रही। इटरनल का शेयर सबसे अधिक 2.96 प्रतिशत की बढ़त में रहा। एचसीएल टेक्नोलॉजीज, हिंदुस्तान यूनीलिवर और पावरग्रिड के शेयर भी मजबूत हुये।
सबसे अधिक 1.13 फीसदी की गिरावट टाटा मोटर्स में देखी गयी। ट्रेंट, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक भी नुकसान उठाने वाली सेंसेक्स की आठ कंपनियों में शामिल थीं।
चौतरफा लिवाली के बीच निफ्टी मिडकैप-50 सूचकांक में 0.37 प्रतिशत और स्मॉलकैप-100 सूचकांक में 0.29 प्रतिशत की तेजी रही। आईटी और फार्मा के अलावा एफएमसीजी, वित्तीय सेवा, धातु, निजी बैंक और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद समूहों में लिवाली रही। वहीं, सार्वजनिक बैंक, तेल एंव गैस और रियलिटी समूहों में बिकवाली का जोर रहा।
विदेशों में एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 1.15 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ। हांगकांग के हैंगसेंग में 1.35 प्रतिशत और चीन के शंघाई कंपोजिट में 1.15 प्रतिशत की गिरावट रही। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 1.22 प्रतिशत और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.23 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहा था।