नयी दिल्ली .... सेना ने ग्रामीण पर्यटन, सतत विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ऑपरेशन सद्भावना के तहत कुमाऊं क्षेत्र के सुरम्य और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती गांव गर्ब्यांग में एक टेंट-आधारित होमस्टे बनाकर इसे चलाने के लिए ग्रामीणों को सौंपा है।
सेना ने मंगलवार को यहां बताया कि उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने सोमवार को इस सुविधा का उद्घाटन किया।
सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के साथ जुड़ी इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों को क्षेत्र की जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का प्रामाणिक अनुभव प्रदान करने के साथ ही समुदाय-आधारित पर्यटन के माध्यम से स्थानीय आजीविका को मजबूत करना है।
शांत घाटियों और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसे गर्ब्यांग को अक्सर 'शिवनगरी गुंजी का प्रवेश द्वार' कहा जाता है जहां से दो पवित्र तीर्थ मार्ग निकलते हैं, एक आदि कैलाश की ओर और दूसरा ओम पर्वत तथा कालापानी की ओर। इसका सामरिक और आध्यात्मिक महत्व इसे कुमाऊं के उंचे इलाकों में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है। गर्ब्यांग के ग्रामीणों ने उद्घाटन समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया।
ऑपरेशन सद्भावना के तहत विकसित और स्वतंत्र संचालन के लिए ग्रामीणों को सौंपे गए इस होमस्टे में आगंतुकों को स्थानीय जीवन शैली का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर मिलता है। बुकिंग गर्ब्यांग ग्राम समिति (संपर्क- 9410734276 / 7579811930 / 9596752645) द्वारा की जाती है। भोजन सहित प्रति व्यक्ति प्रति रात्रि किराया एक हजार रुपये है।
गर्ब्यांग और उसके आसपास के क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कई स्थल हैं, जिनमें ओम पर्वत, कैलाश पर्वत (लिपुलेख दर्रे के माध्यम से), कालीमाता मंदिर (काली नदी का उद्गम स्थल), ऋषि व्यास गुफा, आदि कैलाश, पार्वती कुंड, गौरी कुंड और गुंजी स्थित रंग सामुदायिक संग्रहालय शामिल हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा भारतीय सेना कुमाऊं के सीमावर्ती क्षेत्रों में गांवों का विद्युतीकरण, हाइब्रिड सौर संयंत्र स्थापित करना, चिकित्सा शिविर आयोजित करना, पॉलीहाउस बनाना और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार लागू करने जैसी विभिन्न विकास परियोजनाएं चलाती है।