नयी दिल्ली... दिल्ली की मुख्यमत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार वन क्षेत्रों की खाली जमीनों पर देसी पेड़ लगाएगी ताकि जमीन तो उपजाऊ रहे साथ ही पर्यावरण भी मजबूत हो।
श्रीमती गुप्ता ने आज कहा कि यहाँ दक्षिणी रिज क्षेत्र के करीब 41 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, "अब हमारी सरकार ऐसे वन क्षेत्रों की खाली जमीनों पर देसी पेड़ लगाएगी, जहां जमीन तो उपजाऊ रहे, साथ ही पर्यावरण भी मजबूत हो। हमारी प्राथमिकता है कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त, हरित और संतुलित वातावरण वाली आधुनिक राजधानी बनाया जाए।"
उन्होंने कहा कि राजधानी के रिज क्षेत्र को करीब 20 साल से लावारिस मान लिया गया था। पूर्व सरकारों ने इस क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए न कोई पहल की और न ही कोई कदम उठाया। इसका परिणाम यह हुआ कि कई रिज क्षेत्र में अतिक्रमण भी हो गया और वहां की हरियाली भी प्रभावित होने लगी। उन्होंने कहा , " हमारी सरकार ने शुरू से ही दिल्ली के पर्यावरण और हरियाली को सुरक्षित एवं उसमें इजाफा करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। इसके लिए लगातार बैठकें और विभिन्न विभागों के के बीच समन्वय बनाया जा रहा था जिसके बाद हमारी सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।"
मुख्यमंत्री के अनुसार भारतीय वन अधिनियम-1927 के अधीन दक्षिणी रिज के करीब 41 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय दिल्ली की हरियाली को प्रभावी रूप से सुरक्षित रखेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दक्षिणी रिज क्षेत्र को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने का यह प्रथम चरण है। दिल्ली के अन्य रिज क्षेत्र को भी शीघ्र ही आरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि आरक्षित वन क्षेत्र में जहां भी खाली भूमि होगी, वहां वन क्षेत्र को सघन करने के लिए देसी व फलदार पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें नीम पीपल, शीशम, आम, इमली, जामुन आदि के पेड़ शामिल हैं। इसका सकारात्मक परिणाम यह होगा कि इस क्षेत्र की भूमि ऊपजाऊ रहे, जैव विविधता को मजबूती मिले, साथ ही वहां पर्यावरण संतुलन भी बना रहे। उन्होंने कहा , "दिल्ली सरकार राजधानी के पर्यावरण और हरियाली को लेकर पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। हमारी प्राथमिकता है कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त, हरित और संतुलित वातावरण वाली आधुनिक राजधानी बनाया जाए।"
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सरकार के इस निर्णय को दिल्ली के लिए मील का पत्थर कहा है। उन्होंने कहा "हमारी सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है। दक्षिणी रिज के 41 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को आरक्षित वन घोषित करना इसी नीति का हिस्सा है। यह निर्णय राजधानी के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और हरियाली बढ़ाने की दिशा में निर्णायक सिद्ध होगा। हमारी सरकार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप देसी प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएंगे। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि भूजल स्तर और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।