नयी दिल्ली.... दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रगीत "वंदे मातरम्" की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यहाँ विधानसभा में शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
श्री गुप्ता ने कहा , "'वंदे मातरम्' केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा और मातृभूमि के प्रति अटूट श्रद्धा का अमर गीत है। दिल्ली विधानसभा इस राष्ट्रीय धरोहर के 150 वर्षों का गौरवपूर्ण उत्सव मनाने पर गर्व का अनुभव करती है। यह अवसर हमें उन आदर्शों और मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर प्रदान करता है, जिनसे हमारे राष्ट्र का निर्माण हुआ।"
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम्" भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा में एक अमर स्थान रखता है। यह गीत राष्ट्रीय चेतना के उदय के काल में रचा गया था, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को आत्मा प्रदान की। इसने देशवासियों में गौरव, एकता और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना जगाई। इसके शब्द आज भी समय की सीमाओं को पार करते हुए हर भारतीय को हमारे देश की सुंदरता, शक्ति और आध्यात्मिक सार की याद दिलाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह 150वाँ वर्ष केवल गीत के रचनाकाल की याद नहीं, बल्कि इसके संदेश की आधुनिक भारत में निरंतर प्रासंगिकता का भी प्रतीक है। "वंदे मातरम्" आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है और "विविधता में एकता" के आदर्शों तथा नागरिकों और मातृभूमि के बीच अटूट बंधन को अभिव्यक्त करता है।
उन्होंने कहा कि बीते दशकों में "वंदे मातरम्" केवल एक देशभक्ति गीत से आगे बढ़कर भारत की सामूहिक चेतना और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन गया है। इसने स्वतंत्रता की राह पर अग्रसर एक राष्ट्र के स्वप्नों और संकल्प को स्वर दिया, एक ऐसा गीत जो भाषा, धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे जाकर भारतीयों को एक सूत्र में बाँधता रहा। इसके भावनात्मक और शक्तिशाली शब्द आज भी स्वतंत्र भारत के नागरिकों को उनके साझा गौरव, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रसेवा की भावना का बोध कराते हैं।