कानपुर .... उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अवैध पेट्रोलियम पदार्थ विशेषकर बिटुमिन की कालाबाजारी में लिप्त संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ की कानपुर यूनिट ने बुधवार रात्रि यह कार्रवाई की, जिसे काफी समय से गिरोह की गतिविधियों की गोपनीय सूचना मिल रही थी। 13 नवम्बर की रात कबीर कोल्ड स्टोर के पीछे, ईंट भट्टा क्षेत्र, थाना अरेरा में संयुक्त टीम ने दबिश दी। मौके से कुल 252 बोरी मार्बल डस्ट (जिसका उपयोग बिटुमिन में मिलावट के लिए किया जाता है), दो टैंकर बिटुमिन से भरे हुए, 22.050 टन वाला एक टैंकर, 31.500 टन की क्षमता वाला दूसरा टैंकर, मिलावट की मशीनें, वेल्डिंग उपकरण, लोहे के कंटेनर, दो गैस कटर, मोटर, एक बड़ा जनरेटर और छह मोबाइल बरामद हुए। छापेमारी के दौरान मिले उपकरण स्पष्ट करते हैं कि यहां बड़े पैमाने पर अवैध उत्पादन चल रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पवन सिंह उर्फ़ राजेंद्र (गिरोह का मुख्य संचालक), सुरेश कुमार, सुशील कुमार, सत्येंद्र कुमार, चंडी और देवी सिंह शामिल हैं। ये सभी अलग-अलग जिलों कानपुर नगर, मथुरा, हरदोई और हाथरस के निवासी बताए जा रहे हैं। इनमें से पवन सिंह गिरोह का मास्टरमाइंड है, जो मथुरा रिफाइनरी से बिटुमिन लाने वाले टैंकरों को अवैध फैक्ट्रियों तक पहुंचवाकर वहां मिलावट कराकर भारी लाभ कमाता था।
पूछताछ में मुख्य आरोपी पवन सिंह ने खुलासा किया कि गिरोह मथुरा रिफाइनरी से बिटुमिन लोड करने के बाद बीच रास्ते में एक फैक्ट्री तक पहुंचता था, जहां टैंकर से 07–08 टन बिटुमिन निकालकर उसमें मार्बल डस्ट व अन्य मिश्रित पदार्थ मिलाए जाते थे। फिर इसे दोबारा टैंकर में भरकर बिलकुल असली जैसा दिखने वाला "मिलावटी बिटुमिन" तैयार किया जाता था।
यह मिलावटी बिटुमिन फिर कन्नौज, मैनपुरी, हरदोई, फर्रुखाबाद, इटावा, उन्नाव सहित कई जिलों में सप्लाई कर दिया जाता था। गिरोह प्रतिदिन 8–10 टैंकरों की वैधता के नाम पर अवैध सप्लाई करके 70–80 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से भारी मुनाफा कमाता था।
अधिकारियों का कहना है कि बिटुमिन आयल उच्च जोखिम वाला पेट्रोलियम पदार्थ है, जिसकी अवैध सप्लाई न केवल आर्थिक अपराध है बल्कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता, सरकारी परियोजनाओं एवं जनसुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि इस नेटवर्क में शामिल अन्य सप्लायरों, फैक्ट्री संचालकों और परिवहन से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध भी जांच जारी है। जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह कार्रवाई प्रदेश में अवैध पेट्रोलियम पदार्थों की कालाबाजारी पर एसटीएफ की अब तक की बड़ी सफलताओं में एक मानी जा रही है।