लखनऊ .... राजधानी लखनऊ समेत यूपी के सभी शहरों से अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उनको बाहर खदेड़ा जाएगा। सभी जिलों के डीएम को तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे, जहां पकड़े गए घुसपैठियों को रखा जाएगा। बाद में उन्हें मूल देशों को सौंपा दिया जाएगा। एसआईआर प्रक्रिया के बीच यूपी सरकार का यह बड़ा फैसला है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार देर शाम अवैध घुसपैठ पर राज्यभर में कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया। उन्होंने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं किया जाएगा। हर जिले के डीएम को अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे अवैध घुसपैठियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी होगी। सरकार का यह फैसला हाल के सुरक्षा आकलनों और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों के बाद आया है। रिपोर्टों में यूपी के कई जिलों में घुसपैठियों की मौजूदगी और उनकी गतिविधियों के संकेत मिले थे। सीएम योगी ने इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए सख्त कदम बताया था। सीएम योगी ने कहा अवैध घुसपैठ न केवल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, आर्थिक संरचना और कानून-व्यवस्था को भी प्रभावित करती है। सरकार ने इसे टॉप प्रायोरिटी पर रखा है। प्रशासन को बिना किसी देरी के कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने डीएम को यह भी आगाह किया कि पहचान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासनिक टीमें घर-घर सत्यापन, रिकॉर्ड की जांच और स्थानीय खुफिया इनपुट के आधार पर सत्यापित सूची तैयार करेंगी।
घुसपैठियों को अस्थायी डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा : मुख्यमंत्री योगी ने डीएम से अपने यहां अस्थायी डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के लिए भी कहा है। ये सेंटर प्रशासनिक नियंत्रण में चलेंगे। इनमें पकड़े गए अवैध घुसपैठियों को रखा जाएगा। इन डिटेंशन सेंटरों में रहने वाले घुसपैठियों को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही उनके मूल देशों को सौंप दिया जाएगा।
पुलिस, एसटीएफ और इंटेलिजेंस अलर्ट रहे : मुख्यमंत्री ने पुलिस, एसटीएफ और खुफिया विभाग के साथ समन्वय बनाकर काम करने को कहा है। स्थानीय स्तर पर विशेष टीमें बनाई जाएंगी। ये अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान, दस्तावेज सत्यापन और संदिग्ध गतिविधियों की जांच करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, राज्य के 20 से अधिक जिलों में पहले ही सर्वे शुरू हो चुका है। जहां घुसपैठियों की संख्या ज्यादा है, वहां अभियान को और तेज किया जाएगा। डिटेंशन सेंटरों में रखे गए घुसपैठियों को कानूनी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनके मूल देश को वापस भेजा जाएगा। इसके लिए विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और संबंधित दूतावासों से समन्वय बनाया जाएगा। दिल्ली के लाल किला के पास हुए बम ब्लास्ट के बाद से देश के अधिकांश राज्य अलर्ट मोड पर हैं और चप्पे-चप्पे पर चेकिंग की जा रही है। साथ ही सूबे में आए दूसरे राज्यों व देश के लोगों की भी जांच की जा रही है। इसी कड़ी में अब उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश में भी घुसपैठियों की पहचान करने को कहा गया है।