नई दिल्ली ... कांग्रेस ने मंगलवार को इतिहासकार सुगत बोस के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘और बेनकाब’’ होते हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बोस की जिस टिप्पणी का हवाला दिया उसमें उन्होंने कहा है कि रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह पर कांग्रेस ने 1937 में फैसला किया था कि उसकी प्रमुख बैठकों में ‘वंदे मातरम्’ का केवल पहला भाग गाया जाएगा। रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बोस का एक वीडियो का हिस्सा साझा किया जिसमें वह सुभाष चंद्र बोस और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच संबंधों के बारे में बात कर रहे हैं। सुगत बोस वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि ‘‘ 1937 के अक्टूबर-नवंबर में कलकत्ता (अब कोलकाता) में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक के समय सुभाष चंद्र बोस और जवाहरलाल नेहरू ने साथ मिलकर काम किया। उस समय एक बेहद संवेदनशील विषय पर रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह ली और वह था वंदे मातरम। इतिहासकार ने कहा, ‘‘ रवींद्रनाथ की सलाह पर ही कांग्रेस ने इस एआईसीसी बैठक में निर्णय लिया कि अब से पार्टी की राष्ट्रीय बैठकों में गीत का केवल पहला भाग गाया जाएगा, जो हमारे देश के राष्ट्रीय वैभव का एक सुंदर उद्घोष है।’’ सुभाष चंद्र बोस के वंशज बोस का कहना है, ‘‘ ऐसा इसलिए किया गया।