चेन्नई से लगभग 592 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामेश्वरम की पवित्र भूमि भारतीय प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर समुद्र की गोद में स्थित है। रामेश्वरम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के मंदिरों की कलात्मकता और रमणीक सागर तट के मनलुभावन दृश्य सहसा ही सैलानियों का मन मोह लेते हैं। आपके सबसे पहले रामेश्वरम के रामनाथ स्वामी मंदिर में लिए चलते हैं। कहा जाता है कि इस भव्य मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में करवाया गया था। द्रविड़ कला के बेजोड़ नमूने के रूप में प्रसिद्ध इस मंदिर का गलियारा देशभर के सभी मंदिरों के गलियारों से बड़ा है। यह गलियारा पूर्व से पश्चिम तक 197 मीटर और उत्तर से दक्षिण तक 133 मीटर लंबा है। आश्चर्य की सीमा यहीं खत्म नहीं होती है, इस मंदिर में 22 कुएं और द्वार पर 38.4 मीटर का गोदाम भी है।
रामेश्वरम मंदिर के पूर्व में स्थित अग्नितीर्थम भी देखने लायक जगह है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसके मुख्य द्वार से सागर केवल सौ मीटर ही दूर है और यहां का जल भी शुद्ध है। रामेश्वरम से 18 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद धनुषकोटि भी प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर भगवान राम, उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण के साथ ही हनुमान और विभीषण आदि की भी कलात्मक मूर्तियां देखने को मिलती हैं।
रामनाधपुरम में जिले का मुख्यालय है। आप यहां पर मौजूद रामलिंग विलासम महल अवश्य ही देखने जाएं, क्योंकि यहां पर ऐतिहासिक महत्व की सुंदर कलाकृतियां मौजूद हैं। इन कलाकृतियों की खूबी यह है कि वर्षों पुरानी होने के बावजूद ये आजतक अपनी चमक-दमक बरकरार रखे हुए हैं। विदेशी सैलानियों के लिए तो ये कलाकृतियां विशेष आकर्षण का केंद्र होती ही हैं, घरेलू सैलानी भी इनमें कम रुचि नहीं दिखाते। अपनी अद्भुत शिल्पकला के लिए देशभर में प्रसिद्ध तिरूपलानि की सैर भी अवश्य करें। रामेश्वरम से 14 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस मंदिर की शिल्पकला न सिर्फ आपको चौंकाएगी, बल्कि अपनी अनूठी कारीगरी के लिए आप शिल्पकारों की तारीफ किए बगैर नहीं रह सकेंगे। यहां जाते समय अपने साथ कैमरा अवश्य ले जाएं, क्योंकि यहां की तस्वीरें सचमुच दूसरों के समक्ष प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों में से होंगी।
प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत सुंदर स्थल का खिताब कोरल रीफ को दिया जा सकता है। यहां की सुनहरी चमकीली रेत, ऊंचे-ऊंचे नारियल और ताड़ के पेड़ों की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। यह रामेश्वरम का सबसे ऊंचा स्थल भी है, जहां से आप पूरे द्वीप का अवलोकन कर सकते हैं। रामनाथ मंदिर से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर बसा यह स्थल रामेश्वरम का सबसे खूबसूरत स्थल होने के साथ ही पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र है, क्योंकि एक तो यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य की सारी छटाएं मौजूद हैं तो दूसरी तरफ प्रशासनिक सुविधाएं भी अन्य स्थलों की अपेक्षा यहां पर ज्यादा हैं।
रामेश्वरम जाने के लिए मौसम तो कोई भी ठीक रहता है, लेकिन यदि गर्मियों में यहां पर जाने से बचा जाए तो ठीक है, क्योंकि एक तो यहां गर्मी बहुत पड़ती है तो दूसरी तरफ गर्मियों की छुट्टियों में तीर्थयात्रियों की भीड़ भी यहां अधिक ही रहती है। इसलिए यहां आने के लिए किसी ऐसे समय का चुनाव करें, जब भीड़ भी कम हो और मौसम भी सुहावना हो।