नयी दिल्ली.... चालू वित्त वर्ष में 12 अक्टूबर तक आयकर रिफंड में करीब 16 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गयी और शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (या निवल प्रत्यक्ष कर संग्रह) 6.33 प्रतिशत बढ़कर 11,89,054 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
आयकर विभाग द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 12 अक्टूबर तक 2,41,749 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया था जो इस साल समान अवधि में 15.98 प्रतिशत घटकर 2,03,107 करोड़ रुपये रहा गया।
वहीं, प्रत्यक्ष कर का कुल संग्रह 2.36 प्रतिशत बढ़कर 13,92,161 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस प्रकार निवल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 6.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कुल कर संग्रह में गैर-कॉर्पोरेट कर का योगदान 7,18,324 करोड़ रुपये (51.6 प्रतिशत) रहा जबकि कॉर्पोरेट कर का योगदान 6,42,658 करोड़ रुपये रहा। शेयरों के ट्रांजेक्शन पर लगने वाला कर 30,878 करोड़ रुपये और अन्य कर 301.12 करोड़ रुपये रहे।
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य अवधि में कॉर्पोरेट को जारी रिफंड 1,20,781 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,40,741 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, गैर-कॉर्पोरेट को जारी रिफंड 1,20,940 करोड़ रुपये से घटकर लगभग आधे पर आ गया और 62,359 करोड़ रुपये रहा।
उल्लेखनीय है कि इस बार आयकर रिटर्न जारी करने में काफी देरी हो रही है। सरकार का कहना है कि इस बार (आंकलन वर्ष 2025-26) रिटर्न में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए गहन जांच की जा रही है, लेकिन जिनके रिटर्न में कोई समस्या नहीं है उन्हें रिटर्न जारी किया जायेगा।