वाशिंगटन.... अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को चेतावनी दी है कि अगर उसने हथियार नहीं हटाए और गाजा पट्टी में रखे सभी 24 बंधकों के अवशेषों को नहीं सौंपा तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
श्री ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, "मैंने हमास संगठन से बातचीत की और यह पूछा था कि क्या वह हथियार सौंपेगा तो उनकी तरफ से जवाब आया था कि संगठन हथियार डाल देगा। उन्होंने मुझसे यही कहा था और अब या तो वे हथियार डालेंगे या हम उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करेंगे।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संदेश उनके 'लोगों' के माध्यम से हमास तक पहुंचाया गया था। इजरायली रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने स्पष्ट रूप से अपने दो शीर्ष सहयोगियों-अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर का हवाला दिया था।
श्री ट्रम्प की स्वीकृति से विटकॉफ और कुशनर ने पिछले सप्ताह शर्म अल-शेख में हमास के शीर्ष वार्ताकार खलील अल-हय्या से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि हमास गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता वाले युद्धविराम समझौते का पालन करे । अगर ऐसा नहीं होता है तो उसे (हमास) को ही जवाबदेह ठहराया जाएगा।
अमेरिकी मध्यस्थता वाला युद्धविराम समझौता शुक्रवार को लागू हुआ और इसकी शुरुआत एक आशाजनक घटनाक्रम के साथ हुई जब हमास ने समझौते की शर्तों के अनुसार सोमवार को सभी 20 जीवित बंधकों को रिहा कर दिया।
यह समझौता तब गतिरोध में आ गया जब आतंकवादी समूह ने 28 मृत बंधकों के अवशेषों को वापस नहीं भेजा, बल्कि सोमवार को केवल चार बंधकों के अवशेषों को ही सौंप दिया। संगठन ने इसका कारण बताया है कि दो साल के युद्ध के बाद गाजा पट्टी में मलबे के कारण उसे उनके वास्तविक स्थान का पता नहीं है।
इजराइल ने पहले इस पर भारी नाराजगी जताई थी और बंधकों के परिवारों के बढ़ते गुस्से और राजनीतिक एवं सैन्य हलकों में असंतोष के बीच समझौते के अपने हिस्से के आगे के कार्यान्वयन को रोकने का फैसला किया था। इजरायली रक्षा बलों(आईडीएफ) ने राफा सीमा क्षेत्र को अवरुद्ध कर दिया है जिससे पट्टी को मिलने वाली सभी तरह की सहायता पर काफी हद तक रोक लग गई। इसके साथ ही हमास द्वारा 24 शव सौंपे जाने तक किसी भी और फिलिस्तीनी आतंकवादी को रिहा करने पर रोक लगा दी गयी है। ऐसा न करने पर इजरायल की तरफ से कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी है।