नयी दिल्ली... कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत का प्रमुख वास्तुकार बताते हुए कहा है कि उनका जीवन संसदीय लोकतंत्र में दृढ़ता से जुड़ा था लेकिन आज जिनके हाथ में शासन की बागडोर है वे हर स्तर पर पंडित नेहरू के विचार को खारिज उन्हें सिर्फ बदनाम करने में लगे हैं।
श्रीमती गांधी ने शुक्रवार को यहां जवाहर भवन में 'नेहरू केंद्र' को लॉन्च किये जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए पंडित नेहरू की विचारधारा को आगे बढ़ाने के इस प्रयास को आज के विकृत दौर में सत्य, इतिहास और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू का नियोजित आर्थिक विकास में दृढ़ विश्वास था और वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षमताओं के विकास के साथ-साथ वैज्ञानिक सोच को बढा़ने की उनकी गहरी प्रतिबद्धता थी। उनके लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब भारत की विविधताओं का जश्न मनाना था। यही कारण है कि उनकी विरासत हमारे रोजमर्रा के जीवन को आज भी आकार दे रही है और देशवासियों के लिए प्रकाशपुंज बनी हुई है।
श्रीमती गांधी ने कहा कि जिस विचार ने देश की समृद्धि को आकार दिया आज उसे निशाना बनाया जा रहा है और उनके योगदान को नकार कर इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास किया जा रहा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि जिन महापुरुष की विचारधारा लोगों को प्रेरणा देती है उनको बदनाम करने और उनके विचारों पर हमला हो रहा है। हमला करने वाली एक ऐसी विचारधारा है जिसने बहुत पहले नफरत का ऐसा माहौल पैदा किया जो फिर महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना। गांधी के हत्यारे आज भी इस विचारधारा के अनुयायियों द्वारा महिमामंडित होते हैं।
उन्होंने कहा "यह एक कट्टर और वीभत्स सांप्रदायिक दृष्टिकोण वाली विचारधारा है। राष्ट्रवाद के प्रति इसका दृष्टिकोण सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों को बढ़ावा देने पर आधारित है। इसमें तनिक भी संदेह नहीं होना चाहिए कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने का प्रोजेक्ट ही आज सत्ता प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य है। उनका लक्ष्य सिर्फ उसे मिटाना नहीं है, यह वास्तव में उन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को नष्ट करने के लिए है जिन पर हमारे राष्ट्र की स्थापना और निर्माण हुआ है।"