नई दिल्ली .... संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 1 दिसंबर से अब तक 3 बिल लोकसभा में पास हुए हैं। इनमें मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (अमेंडमेंट) बिल 1 दिसंबर 2025 को सत्र के पहले दिन पारित हुआ। सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 3 दिसंबर को लोकसभा में पास हुआ। हेल्थ सिक्योरिटी एंड नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 5 दिसंबर को लोकसभा में पारित हुआ था। लोकसभा बुलेटिन में शनिवार (22 नवंबर) को संसद में पेश होने वाले बिलों की जानकारी दी गई थी। इसके मुताबिक, 19 दिसंबर तक सदन में 8 और नए बिल पेश होने की संभावना है। इनमें सबसे अहम एटॉमिक एनर्जी बिल है, जिसके तहत पहली बार निजी कंपनियों (भारतीय और विदेशी) को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। सरकार बोली, ग्लोबल एयर क्वालिटी रैंकिंग ऑफिशियल नही
राज्यसभा में मंत्री बोले, हम बाहरी रिपोर्ट पर पॉलिसी नहीं बनाते : भारत सरकार ने संसद में बताया कि दुनिया में कई संगठन जो एयर क्वालिटी (हवा की गुणवत्ता) की रैंकिंग देते हैं। यह कोई ऑफिशियल रैंकिंग नहीं होती। डब्लूएचओ की एयर क्वालिटी गाइडलाइंस सिर्फ सलाह है। कोई देश उन नियमों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। हर देश को अपनी जरूरत, भौगोलिक स्थिति और परिस्थिति के हिसाब से अपने मानक बनाने होते हैं। ये बातें पर्यावरण राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह की बाहरी रिपोर्ट (ग्लोबल इंडेक्स) के आधार पर पॉलिसी नहीं बनाती। दरअसल पर्यावरण मंत्रालय से दुनियाभर में भारत की पॉल्यूशन, एयर क्वालिटी और वेदर मैनेजमेंट में गिरती रैंकिंग पर सवाल पूछा गया था। राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि डब्लूएचओ की गाइडलाइंस का मकसद देशों को जियोग्राफी, एनवायर्नमेंटल कंडीशन, बैकग्राउंड लेवल और नेशनल हालात को ध्यान में रखते हुए अपने स्टैंडर्ड तय करने में मदद करना है। उन्होंने कहा कि भारत ने पब्लिक हेल्थ और एनवायर्नमेंटल क्वालिटी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स का गठन किया है। यह संस्था 12 मानकों पर काम करती है।