नई दिल्ली ..... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सार्वजनिक सेवा आयोगों से आह्वान किया है कि वे तेजी से बदलती तकनीक से जुड़ी चुनौतियों का पहले से अनुमान लगाएं और पारदर्शिता, विश्वसनीयता व ईमानदारी को अपनी चयन प्रक्रिया का मूल आधार बनाएं। उन्होंने कहा कि देश को ऐसे सिविल सेवकों की टीम चाहिए, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो और जनसेवा के प्रति पूरी निष्ठा रखती हो। हैदराबाद में सार्वजनिक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि पीएससी की भूमिका केवल भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में भरोसा बनाए रखने की भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में डिजिटल टूल्स, डेटा सुरक्षा और नई तकनीकों का समझदारी से उपयोग जरूरी है। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि पारदर्शिता और निष्पक्षता भी मजबूत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पीएससी को ऐसे अधिकारियों का चयन करना चाहिए, जो नीति-निर्माण, प्रशासन और जनसेवा में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप काम कर सकें।