नई दिल्ली.... भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को तेजी से मजबूत करते हुए दिसंबर 2025 तक अलग-अलग देशों और क्षेत्रीय ब्लॉकों के साथ कुल 17 ट्रेड एग्रीमेंट कर लिए हैं। इनमें 13 मुक्त व्यापार समझौते शामिल हैं, जबकि शेष प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट और इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट के रूप में हैं। इन समझौतों के जरिए भारत ने दुनिया के बड़े बाजारों में अपने निर्यातकों के लिए प्रेफरेंशियल या ड्यूटी-फ्री एक्सेस सुनिश्चित किया है। हर समझौता पूरा बाजार खोलने वाला नहीं होता।
एफटीए में दो देश सिर्फ चुनिंदा सामानों पर टैक्स में छूट देते हैं। यानी यह एक तरह की सीमित रियायत होती है, जहां कुछ सेक्टरों को फायदा मिलता है, लेकिन पूरे बाजार को पूरी तरह नहीं खोला जाता। वहीं ईसीए इससे एक कदम आगे होता है। इसमें सिर्फ सामानों का व्यापार नहीं, बल्कि निवेश, तकनीक, सेवाएं, स्किल डेवलपमेंट और आर्थिक सहयोग भी शामिल होता है। मकसद यह होता है कि दोनों देश मिलकर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करें। एफटीए या मुक्त व्यापार समझौता, जब दो देश आपस में यह तय कर लेते हैं कि वे एक-दूसरे के सामान पर लगने वाला आयात शुल्क (टैक्स) कम करेंगे या खत्म करेंगे, तो उसे एफटीए कहा जाता है। इससे दोनों देशों का सामान सस्ता पड़ता है और व्यापार बढ़ता है। जैसे, अगर भारत का कपड़ा ओमान में बिना टैक्स जाएगा, तो वह वहां सस्ता बिकेगा और ज्यादा खरीदा जाएगा। दिसंबर 2025 में भारत और ओमान के बीच साइन हुआ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते भारत का ताजा व्यापार समझौता है। यह यूएई के बाद खाड़ी क्षेत्र में भारत का दूसरा बड़ा समझौता है। इसके तहत 98 फीसद भारतीय सामानों को ओमान के बाजार में जीरो-ड्यूटी एक्सेस मिलेगा, जिससे कपड़ा, चमड़ा, इंजीनियरिंग और फार्मा जैसे क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। 2024 में भारत ने ईएफटीए देशों स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ अपना पहला एफटीए किया, जिसमें 100 अरब निवेश और 10 लाख नौकरियों का लक्ष्य शामिल है। वहीं, 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ हुए सीईपीए ने 90 फीसद से अधिक भारतीय निर्यात पर टैरिफ में बड़ी कटौती की, जबकि 2021 में मॉरीशस के साथ अफ्रीकी बाजारों तक भारत की पहुंच को आसान बनाया। भारत ने 2022 में ऑस्ट्रेलिया के साथ ईसीटीए किया, जिससे कपड़ा, फार्मा, केमिकल और कृषि उत्पादों के लिए ऑस्ट्रेलियाई बाजार खुला। जापान और दक्षिण कोरिया के साथ पहले से मौजूद सीईपीए ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत की है। भारत फिलहाल यूरोपीय संघ, अमेरिका, इजराइल, आसियान, न्यूजीलैंड, कनाडा और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के साथ ट्रेड डील पर बातचीत कर रहा है। अमेरिका के साथ ‘मिशन 500’ के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है। जीसीसी के साथ संभावित एफटीए से ऊर्जा, निवेश और सेवाओं में सहयोग और गहराने की उम्मीद है।