नई दिल्ली .... मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की विपक्षी कोशिश पर देश के 36 पूर्व न्यायाधीशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। पूर्व जजों ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जड़ों पर सीधा हमला बताते हुए संसद सदस्यों और आम जनता से इस कदम की खुलकर निंदा करने की अपील की है।
पूर्व न्यायाधीशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अगर इस तरह की कोशिशों को आगे बढ़ने दिया गया, तो इससे न्यायाधीशों को राजनीतिक और वैचारिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। संयुक्त बयान में कहा गया कि यह कदम उन जजों को डराने की कोशिश है, जिनके फैसले किसी खास राजनीतिक या वैचारिक समूह की अपेक्षाओं से मेल नहीं खाते। पूर्व न्यायाधीशों ने कहा लोकतंत्र में फैसलों की परीक्षा अपील और कानूनी समीक्षा से होती है, न कि महाभियोग की धमकियों से। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायाधीश संविधान और अपनी शपथ के प्रति जवाबदेह होते हैं, न कि किसी राजनीतिक दल के दबाव के प्रति। बयान में यह भी कहा गया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पूर्व जजों ने 2018 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कोशिश और बाद में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, एस. ए. बोबडे और डी. वाई. चंद्रचूड़ के खिलाफ चलाए गए अभियानों का भी जिक्र किया। उन्होंने मौजूदा सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ हो रहे हमलों को भी इसी खतरनाक प्रवृत्ति का हिस्सा बताया।