बेंगलुरू,.... भूख और कुपोषण की समस्या के समाधान में सहयोग करने वाले संगठनों और पेशेवरों के मंच इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के साथ मिलकर पोषण उपलब्ध कराने की सेवाओं को मज़बूती देने के लिए पोषण नवाचार मंच (पीआईपी) की शुरुआत करने की शनिवार को घोषणा की।
इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव की एक विज्ञप्ति के अनुसार भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय इसमें नॉलेज पार्टनर (अनुभवी सहयोगी) के तौर पर जुड़ रहा है। विटामिन एंजेल्स, जेएचपीआईईजीओ, ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया (टीआरआई) और यूनिसेफ इंडिया जैसे संगठन भी इसमें जुड़े हैं। पीआईपी का उद्देश्य अंतिम छोर पर मौजूद माताओं और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार करना है।
बयान में कहा गया है कि यह प्लेटफॉर्म शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्ट-अप, यूनिवर्सटी इंक्यूबेटर, सिविल सोसाइटी नेटवर्क और देश के कारोबारों को ऐसे अवसर उपलध काराएगा जिसमें वे अपने नवाचार को उसकी अवधारणा के प्रमाण के साथ लोगों के सामने प्रस्तुत कर सकें।
यह प्लेटफॉर्म मार्गदर्शन, बीज कोष और निवेश के अवसर उपलब्ध कराएगा, ताकि इन इनोवेशन को सफलतापूर्वक विस्तार दिया जा सके। इस पहल में द कैटलिस्ट 2030, इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव, अकादमिक क्षेत्र, कारोबार, सरकार और सामाजिक क्षेत्र के संगठन और व्यक्ति शामिल हैं। इस पहल के तहत आठ नवाचार को चुना जाएगा ।इनमें से जिन नवाचारों के पास क्रियान्वयन के साथ अवधारणा का प्रमाण, स्थायित्व से जुड़े प्रमाण, प्रभाव और अंतिम पायदान तक डिलिवरी करने का प्रमाण होगा, वे पीआईपी ग्रांट चैलेंज ट्रस्ट फंड के माध्यम से 3 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। अनुमान पाने में विफल नवाचारकर्ताओं को पोषण इनोवेटर्स नेटवर्क (पीआईएन) के माध्यम से मार्गदर्शन और लर्निंग प्रोग्राम उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उन्हें अगले चरण के लिए तैयार किया जा सके।
भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय में निदेशक डॉ. सपना पोटी के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया है,“पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म को पोषण सेक्शन में मंथन के साथ फीचर किया जाएगा और हमें आशा है कि यह प्लेटफार्म सरकार के मौजूदा प्रयासों को सार्थक तरीके से पूर्णता प्रदान कर देश में महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करेगा।”
पीआईपी के मुख्य सलाहकार एवं मार्गदर्शक डॉ. राजन शंकर ने कहा, “इस पहल का लक्ष्य भारत में मौजूद व्यापक टैक्नोलॉजी से जुड़ी प्रतिभाओं और क्षमताओं का लाभ उठाना और भारत को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में लगातार आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।”
डॉ. स्मृति पाहवा, चेयर, इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने कहा, “देश में कुपोषण या अल्पपोषण की समस्या का सामना करने के लिए मानव केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर, टैक्नोलॉजी का लाभ उठाकर और अन्य क्षेत्र की सफलताओं से सीखकर अप्रभावी डिलिवरी और स्वीकार्यता की कमी की समस्या का समाधान करने की तत्काल ज़रूरत है।”