नयी दिल्ली.... बिहार में विधान सभा के लिए सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के लिए घटक दलों के बीच चल रहे तोलमेल के बीच गठबंधन के एक प्रमुख घटक, जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के सूत्रों ने कहा कि पांच-सात दिन में मामला तय हो जाएगा।
बिहार विधान सभा की 243 सीटों के लिए छह और 11 नवंबर को दो चुरणों में चुनाव कराने के कार्यक्रम की सोमवार को घोषणा किये जाने के बाद से राज्य में सियासी गतिविधियां तेज हो गयी हैं। राजग के घटक दलों की दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकें चल रही है लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि प्रत्येक घटक दल कितनी-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और वे कौन-कौन सीट पर प्रत्याशी उतारेंगे।
जद-यू के एक सूत्र ने यहां यूनीवार्ता से कहा , "शीर्ष नेतृत्व के मार्ग दर्शन में अगले पांच से सात दिनों के अंदर सीट बंटवारे के मुद्दे को तय कर लिया जाएगा। सूत्रों की माने तो राजग में सीट बंटवारे को लेकर जल्द सस्पेंस खत्म हो जायेगा।"
सूत्रों ने कहा कि जद-यू के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने करीबी नेताओं के साथ आज बैठक की।
राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर एक राय बनाने के लिए भाजपा के नेता और राज्य के लिए चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान पटना में घटक दलों के साथ बैठकों में लगे हुए हुए हैं।
बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने भी अभी तक सीट बंटवारे पर कोई घोषणा नहीं की है।
राजग गठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर भाजपा नेताओं और सहयोगी दलों के बीच पटना में कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। केंद्रीय मंत्री प्रधान बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी एवं जदयू के नेता और केंद्रीय मंत्री लल्लन सिंह के साथ बैठकें कर चुके है।
श्री प्रधान इस सिलसिले में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ भी बैठक कर चुके हैं। राज्य में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी लोक जनशक्ति पार्टी को बिहार राजग में एक ताकतवर घटक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
श्री मांझी जैसे नेता भी सीटों के बंटवारे का मामला जल्द सुलझाने की बात कह चुके हैं।
वर्ष 2020 में पिछले विधान सभा चुनाव में कांटे के मुकाबले में भाजपा को 74, जद-यू को 43 सीटें मिली थी। विपक्षी महागठबंधन के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल को 75 और कांग्रेस को 19 सीटों पर सफलता मिली थी।